तेल अवीव: इजरायल (Israel) के मुकाबला करने चले हमास (Hamas) की हेकड़ी (arrogance) अब गुम हो गई है। इजरायली सेना दिन-प्रतिदिन गाजा पट्टी (Gaza Strip) में अपनी पकड़ को मजबूत कर रही है। इस बीच मिस्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि वर्तमान में हमास की बागडोर संभाल रहा याह्या सिनवार (Yahya Sinwar) इजरायल के साथ शांति समझौते के लिए बेचैन है, लेकिन वह अपनी शर्तों पर अड़ा हुआ है, जिसमें उसके खुद की जान-माल की सुरक्षा शामिल है। यह वही शख्स है, जिसने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमले की पूरी प्लानिंग को आखिरी मंजूरी दी थी।
जीवन की गारंटी मांग रहा याह्या सिनवार
लंदन स्थित अरबी अखबार अशरक अल-अवसत ने मिस्र के खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा है कि हमास सरगना याह्या सिनवार इजरायल के साथ ऐसा समझौता चाहता है, जिसमें उसके जीवन की सुरक्षा की गारंटी हो। उसने अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी के कार्यालय में काम करने वाले अधिकारियों के हवाले से बताया है कि समझौते की आउटलाइन निर्धारित की जा चुकी है। यह आउटलाइन इजरायली पक्ष के साथ समझौतों का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। अधिकारी ने कहा, “निश्चित रूप से एक सकारात्मक बदलाव हो सकता है, लेकिन सिनवार के साथ बातचीत करना चुनौतीपूर्ण है। हम जानते हैं कि सिनवार समझौता करना चाहता है, लेकिन अपनी शर्तों पर अड़ा हुआ है।”
सिनवार को सता रहा हत्या का डर
अपने अमेरिकी समकक्षों के बातचीच में मिस्र के अधिकारी ने एक महत्वपूर्ण शर्त का खुलासा किया, “अगर बंधकों की वापसी के साथ-साथ कोई समझौता किया जाता है, तो “सिनवार अपनी सुरक्षा और जीवन की गारंटी पर जोर देगा।” उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि इजरायल को समझौते के बाद सिनवार की हत्या करने से बचना चाहिए। मिस्र के सूत्र ने बताया कि गाजा की सुरंगों में छिपा याह्या सिनवार जरूरत पड़ने पर संक्षिप्त और स्पष्ट संदेश देता है, क्योंकि उसे पता है कि वह कई हाथों से गुजरेगा। जिसमें फिलिस्तीनी, मिस्र, अमेरिकी और अंत में इजरायली अधिकारियों तक पहुंचेगा।
मिस्र के जरिए भेज रहा शांति संदेश
इजरायल और हमास में शांति को लेकर मिस्र ने मुश्किलों को भी स्वीकार किया है। मिस्र के अधिकारियों के अनुसार, ईरान की राजधानी तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद हालात बदल गए हैं। अब हमास के पास वार्ता के लिए सम्मानजनक प्रतिनिधिमंडल नहीं है। हमास सरगना याह्या सिनवार ने कथित तौर पर वरिष्ठ मिस्र के खुफिया अधिकारियों के माध्यम से संदेशों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए इजरायली प्रतिनिधिमंडल के साथ काहिरा में प्रतिनिधियों को भेजने के विचार को अस्वीकार कर दिया है।
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