डेस्क: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पटकथा इस बार पीओके में लिखी गई थी. और वह भी एक ऐसे मंच से, जहां लश्कर, जैश और हमास जैसे कट्टर आतंकी संगठनों के बड़े चेहरे एक साथ मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक इसमें हजारों की तादाद में लश्कर और जैश के आतंकी मौजूद थे, जिनमें भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों के नाम भी शामिल हैं.
5 फरवरी 2025 को रावलकोट के शहीद साबिर स्टेडियम में कश्मीर सॉलिडेरिटी डे के नाम पर एक ऐसा सम्मेलन हुआ जिसमें भारत के खिलाफ खुलेआम जहर उगला गया. इस कार्यक्रम के कुछ ही दिन बाद पहलगाम की बैसरन घाटी में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ.
इस कार्यक्रम की सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि हमास के आतंकियों को पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में इस तरह से मंच मिला. डॉ. खालिद कद्दूमी, जो ईरान (तेहरान) में हमास का प्रतिनिधि है, खुद इस कार्यक्रम में शामिल हुआ. उनके साथ अन्य फिलिस्तीनी आतंकियों का भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान हमास के ‘अल अक्सा फ्लड ऑपरेशन’ को भारत विरोधी जिहाद के रूप में पेश किया गया.
इस आतंकी महफिल में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों के बड़े चेहरे शामिल थे. हाफिज सईद का बेटा स्टेज पर मौजूद था. मसूद अजहर का भाई तल्हा सैफ, जैश का लॉन्चिंग कमांडर असगर खान कश्मीरी, जैश कमांडर मसूद इलयासी इस मीटिंग में मौजूद था. लश्कर-ए-तैयबा के कई वरिष्ठ कमांडर भी इसमें शामिल थे. इन सभी ने मिलकर भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए और कश्मीर में बड़े हमलों के लिए उकसाया.
सम्मेलन में कश्मीर की तुलना गाजा से करते हुए उसे ‘जिहाद का अगला मैदान’ बताया गया. ये कोशिश की गई कि हमास के आतंकियों को भारत विरोधी संगठनों के साथ जोड़कर एक साझा ‘इस्लामिक प्रतिरोध’ की छवि बनाई जाए. मंच से जिहाद के नाम पर आतंकियों को भारत में घुसपैठ और हमले के लिए उकसाया गया. तो जिस तरह से हमास, लश्कर और जैश के चेहरे एक ही मंच पर आए, और जिस तरह से कश्मीर को अगला ग़ाज़ा बताने की कोशिश की गई इससे ये साफ है कि भारत के खिलाफ एक नया ‘आतंकी गठजोड़’ तैयार हो चुका है.
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