नई दिल्ली. गाजा (Gaza) में 11 महीने से जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. इजरायली (Israeli) सेना लगातार भीषण हवाई हमले कर रही है. इसके साथ ही जमीनी सैन्य अभियान भी जारी है. ताजा घटनाक्रम में गाजा के रफाह (Rafah) में इजरायली सेना ने हमास (Hamas) के रॉकेट और मिसाइल इकाई के प्रमुख अहमद ऐश सलाम अल-हशश को खुफिया जानकारी के आधार पर एक हमले में मार गिराया गया. अल-हशश रफाह ब्रिगेड में रॉकेट हमलों के लिए जिम्मेदार था.
अहमद ऐश सलाम अल-हशश को रॉकेट और मिसाइल हमलों का एक्सपर्ट माना जाता था. उसकी मौत को हमास के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है. हमले के वक्त वो मानवीय क्षेत्र में घुसा हुआ था. वहीं से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. इजरायल ने हमले से पहले नागरिकों को होने वाले नुकसान के जोखिम को कम करने के लिए कई कदम उठाए. इसमें हवाई निगरानी, खुफिया जानकारी के साथ सटीक हथियारों का इस्तेमाल शामिल है.
गाजा में जारी इजरायली सैन्य कार्रवाई थमने की बजाए तेज होती जारी है. पिछले हफ्ते मध्य और दक्षिणी गाजा पर इजरायल ने कई बड़े हवाई हमले किए थे. एक घर पर हुए हमले में कम से 14 लोग मारे गए. कई घायल हो गए. गाजा के नागरिक सुरक्षा ने बताया था कि घर को निशाना बनकर हुए हमले में तीन महिलाएं, और चार बच्चों समेत 11 फिलिस्तीनियों की जान चली गई. खान यूनिस में भी इजरायल ने हमला किया.
शरणाथी शिविर को निशान बनाकर हुए हमले में तीन लोगों की मौत हो गई. न्यूज एजेंसी के मुताबिक इजरायल की लगतार जारी सैन्य कार्रवाई में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को ही उठाना पड़ा है. कई बच्चे तो अपने सुनने और बोलने की क्षमता ही खोते जा रहे हैं. पिछले साल अक्टूबर में गाजा पर शासन करने वाले हमास ने इजरायल पर हमला कर 1200 लोगों को मार डाला था. इसके बाद से ही ये जंग चल रही है.
इस जंग को रोकने के लिए तेल अवीव की सड़कों पर एक बार फिर हजारों प्रदर्शनकारी उतर आए. इजरायल की सरकार से बंधकों की रिहाई के लिए हमास से तुरंत समझौते की मांग की है. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि गाजा में जंग लंबी चली तो ज्यादा बंधक मारे जाएंगे. लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पूरी सरकार से इस्तीफा भी मांगा है.
बताते चलें कि हमास ने इजरायल पर हमला कर 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था. करीब आधे बंधकों को हमास अब तक छोड़ चुका है, जबकि कुछ की मौत हो चुकी है. अभी भी हमास की कैद में करीब 110 इजरायली नागरिक हैं. इस प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर जनबूझकर बंधकों को ना रिहा कराने का भी आरोप लगाया. उनका कहना है कि सरकार का फोकस जंग को लंबा खींचने पर है.
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