तेल अवीव: हमास (Hamas) किस तरह आतंक फैलाता है इसका खुलासा हमास के सह-संस्थापक (founder’s) शेख हसन यूसुफ (Sheikh Hassan Yusuf) के बेटे मोसाब हसन यूसुफ (Mosab Hassan Yousuf) करते रहे हैं। अब उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है। ग्रीन प्रिंस (Green Prince) के नाम से जाने वाले मोसाब ने कहा, फिलिस्तीन (Palestine) इजरायल (israeli) के विनाश पर निर्भर करता है। यदि फिलिस्तीन की कोई परिभाषा है, तो इसका अर्थ है इजरायल का खात्मा।’ द जेरूसलम पोस्ट के कार्यक्रम में उन्होंने यह बातें कही। इसके अलावा उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हम इस्लाम से नहीं लड़ेंगे तो दुनिया खतरे में है।
फिलिस्तीन की स्थापना बेहद महंगा
उन्होंने टू स्टेट सॉल्यूशन के प्रति अपना विरोध जताया। उन्होंने घोषणा की, ‘जो लोग दो राज्य समाधान का प्रतिनिधित्व करते हैं या तो वे चाहते हैं कि इजरायल का अस्तित्व समाप्त हो जाए, या वे इस अस्तित्वगत खतरे के बारे में नहीं जानते हैं।’ उनके विचार से फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) हमास से बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा, ‘ फिलिस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) की ओर से यह सारी वैश्विक अराजकता पीए के जरिए प्रबंधित की जाती है। यह हमास का प्रचार नहीं है।’ उन्होंने कहा कि एक शत्रुतापूर्ण फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना बहुत महंगा है। आप उन्हें यहूदिया, सामरिया, पहाड़, घाटी नहीं दे सकते। यह एक डिफेंस लाइन है। उन्होंने कहा कि पीए उसी आतंकवाद से आता है जो हमास या मुस्लिम ब्रदरहुड से उत्पन्न किसी अन्य समूह से आता है।
इस्लाम से लड़ने की कही बात
रिपोर्ट के मुताबिक चर्चा की शुरुआत में यूसुफ ने लगभग 14 शताब्दी तक मुस्लिमों के हाथों यहूदियों के कत्लेआम के इतिहास का जिक्र किया। उन्होंने यहूदी लोगों की इसे मानने से इनकार करने की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि अगर यहूदी लोग इस तथ्य को स्वीकार करते हैं तो उन्हें बहुसंख्यक मुस्लिमों का सामना करना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर इजरायल के खिलाफ इतना प्रचार किया गया है कि जब लोग दिन में इसे हजारों बार देखते हैं तो वे इस पर विश्वास करने लगते हैं।
उन्होंने चेतावनी के अंदाज में कहा, ‘अगर हम इस्लाम से नहीं लड़ेंगे तो दुनिया खतरे में है। हमारे सामने एक बड़ी समस्या है। हमें जागने की जरूरत है और अगर हम अस्तित्व संबंधी खतरे को नजरअंदाज करते या नकारते हैं तो बहुत देर हो जाने पर हमें इसका सामना करना पड़ेगा।’ बातचीत के अंत में यूसुफ ने संघर्ष के संभावित समाधान भी बताए। उनका मानना है कि अरबों को अरबों पर शासन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अरबों को आईडीएफ में शामिल करके उन्हें वेस्ट बैंक पर शासन करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। वहीं फिलिस्तीनियों पर नजर रखने के लिए मिस्र और जॉर्डन की खुफिया जानकारी पर भी विचार रखा।
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