डेस्क: इजराइल से जंग के बीच हमास लड़ाकों को मिलने वाले पैसों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. कहा जा रहा है कि कैश न होने की वजह से हमास अपने लड़ाकों को पैसे नहीं दे पा रहा है. ईद के मौके पर भी हमास के लड़ाकों को सिर्फ आधी सैलरी मिली है. हमास के पास वर्तमान में 15 हजार से ज्यादा सदस्य हैं. वाल स्ट्रीट जनरल के मुताबिक हमास अपने नए लड़ाकों को करीब 17 हजार रुपए प्रतिमाह देता है. वहीं थोड़ा पुराने लड़ाके को 25 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं. ये पैसे घर और परिवार चलाने के लिए दिए जाते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक फंडिंग और वसूली से जो पैसे हमास को मिलते हैं, उसका इस्तेमाल लड़ाकों को सैलरी देने में किया जाता है. हमास को मुस्लिम देश ईरान से सबसे ज्यादा पैसे मिलते हैं. मिस्र, जॉर्डन और पाकिस्तान भी हमास को लड़ने के लिए चंदा देता है. हमास के लड़ाके गाजा और फिलिस्तीन की तरफ आने-जाने वाली गाड़ियों से लेवी वसूलने का काम भी करते हैं. इन पैसों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हथियार खरीदने में किया जाता है.
फोर्ब्स मैगजीन ने हमास की आय को लेकर एक रिपोर्ट की थी. इसके मुताबिक हमास हर साल करीब 700 मिलियन डॉलर ( करीब 600 करोड़ रुपए) की कमाई करता है. हमास के एक लड़ाकों ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया था कि सैलरी कई बार एकमुश्त दी जाती है. उसका कोई हिसाब-किताब नहीं होता है. हमास के लड़ाके परिवार की तरह रहते हैं.
मरने के बाद भी हमास अपने लड़ाके के परिवार का पूरा ख्याल रखता है. लड़ाके के मरने पर हमास उसके परिवार को करीब 16 लाख रुपए देता है. हमास लड़ाके के परिवार को एक फ्लैट भी देता है, जिसमें वे रह सकते हैं. ये फ्लैट गाजा और फिलिस्तीन में बनाए गए हैं. इतना ही नहीं, हमास उन लोगों का भी ख्याल रखता है, जो इजराइली लोगों को बंधकर बनाकर हमास को देता है. ऐसे लोगों को 8 लाख रुपए और एक फ्लैट दिया जाता है.
इसके अलावा हमास कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर भी लड़ाके को भर्ती करता है. इजराइल रक्षा विभाग के मुताबिक इसके तहत एक इजराइली नागरिक को गाजा लाने के लिए 8 लाख रुपए और एक फ्लैट देता है. हमास जिंदा बचे लड़ाकों को खर्च करने के लिए समय समय पर एकमुश्त पैसा भी देता है. हमास के लड़ाके अधिकांश पैसों का खर्च अपनी सुरक्षा पर करते हैं.
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