तेहरान: हमास (Hamas) के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया (Political Chief Ismail Haniya) की ईरान ( Iran) में एक हमले में मौत हो गई है। ईरान और हमास की ओर से इसकी पुष्टि कर दी गई है। हानिया की मौत के लिए हमास और ईरान ने इजरायल (Israel) को जिम्मेदार बताते हुए हमला बोला है। वहीं इजरायली सेना ने विदेशी मीडिया रिपोर्ट का जवाब नहीं देने की बात कहते हुए फिलहाल मामले से दूरी बनाने की कोशिश की है। इस्माइल हानिया ने हमास में शीर्ष पर पदों पर रहते हुए तीन दशक से ज्यादा का वक्त गुजारा था। हानिया ने 1980 के दशक के अंत में पहली बार हमास में शामिल होने का फैसला लिया और इसके बाद लगातार संगठन में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए शीर्ष तक पहुंचा। हनिया सबसे लंबे समय तक हमास का पॉलिटिकल लीडर रहने वाले नेताओं में से एक था।
हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की हत्या की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है, लेकिन ईरानी राज्य टेलीविजन पर हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराया गया है। ईरानी विश्लेषकों का कहना है कि इस हत्या के लिए इजरायल जिम्मेदार है। हानिया मंगलवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान में थे। ईरान ने आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया है कि हानिया की हत्या कैसे हुई है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने भी हमले की जांच करने की बात कही है।
हमास ने इजरायल पर साधा निशाना
हमास ने अपने नेता इस्माइल हानिया के ईरान में मारे जाने की पुष्टि की है। हमास ने इसके लिए इजरायल के धोखे से किए गए हमले को जिम्मेदार ठहराया है। हमास से जुड़े शेहब समाचार आउटलेट ने हमास अधिकारी मौसा अबू मरजौक के हवाले से कहा है कि हानिया की हत्या एक कायरतापूर्ण काम है और हम अपने लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि उनकी मौत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। हमास ने हानिया की मौत का बदला लेने की बात कही है।
इजरायल ने अभी तक इस्माइल पर हमले और हत्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। बीते कुछ वर्षों में ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों और उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े अन्य लोगों को निशाना बनाने के अलावा हमास के लोगों को भी इजरायली सेना निशाना बनाती रही है। इन वजहों से ही इजरायल पर इस हमले का संदेह कई एक्सपर्ट जता रहे हैं। इजरायल ने बीते साल 7 अक्टूबर को अपनी धरती पर हुए हमले के लिए इस्माइल हानिया और दूसरे हमास नेताओं को जिम्मेदार बताया है। बीते साल से ही इजरायली सेना लगातार गाजा में हमले भी कर रही है। ऐसे में इसे इजरायल की जवाबी कार्रवाई की तरह भी देखा जा रहा है।
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