नई दिल्ली (New Delhi)। इजरायल और हमास आतंकियों(Israel and Hamas terrorists) के बीच भीषण लड़ाई (fierce battle)को 200 से ज्यादा दिन हो गए हैं। हमास की अल कसम ब्रिगेड (Hamas’ Al Qassam Brigades)ने रविवार को दावा किया कि उसके लड़ाकों ने उत्तरी गाजा के जबलिया में लड़ाई के दौरान इजरायली सैनिकों (israeli soldiers)के छ्क्के छुड़ा दिए। इसमें कई इजरायलियों को उल्टे पांव भागना भी पड़ा। हमास ने कई इजरायली सैनिकों को पकड़ने का भी दावा किया है। हालांकि हमास के दावे को झूठा बताते हुए इजरायल का कहना है कि वह हमास के दावे को सही नहीं मानता। हमास ने अपने दावे की पुष्टि करने के लिए कुछ वीडियो भी जारी किए हैं।
अल क़सम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू उबैदा ने रविवार को अल जजीरा में एक रिकॉर्ड संदेश में कहा, “हमारे लड़ाकों ने यहूदी सेना को एक सुरंग के अंदर घात लगाकर हमला करने के लिए उकसाया। भीषण लड़ाई में आईडीएफ के सभी सदस्यों को हमने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई मारे गए, कुछ उल्टे पांव भाग गए और कुछ पकड़े गए हैं।
हमास ने वीडियो भी जारी किए
उधर, इजरायली सेना ने हमास की सशस्त्र शाखा के दावे का खंडन किया है। सेना ने एक बयान में कहा, “आईडीएफ (इजरायली रक्षा बल) स्पष्ट करता है कि ऐसी कोई घटना नहीं है जिसमें किसी सैनिक का अपहरण किया गया हो।” हमास ने एक वीडियो जारी किया जिसमें खून से लथपथ एक व्यक्ति को सुरंग में जमीन पर घसीटते हुए देखा जा सकता है। हालांकि एजेंसी रॉयटर्स ने वीडियो की पुष्टि नहीं की है।
युद्ध विराम की बातचीत के बाद हमास का बड़ा दावा
अबू उबैदा की यह टिप्पणी गाजा युद्धविराम वार्ता फिर से शुरू होने की संभावना के कुछ घंटों बाद आई है। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख की सीआईए प्रमुख और कतर के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद अगले हफ्ते बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है।
उधर, हमास के एक अधिकारी ने बाद में इजरायली मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया कि युद्धविराम वार्ता मंगलवार को काहिरा में फिर से शुरू होगी, उन्होंने रॉयटर्स को बताया, “अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है।”
गौरतलब है कि गाजा में सात महीने से अधिक समय तक चल रहे युद्ध के बाद भी इजरायल और हमास के बीच भयंकर युद्ध जारी है। इजरायल अपने लोगों की रिहाई की मांग लगातार उठा रहा है और गाजा के बाद राफा में युद्ध जारी रखे हुए है। इजरायली हमले में लगभग 36,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
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