नई दिल्ली। अमावस्या का दिन पूजा-पाठ और पितरों को तर्पण एवं श्राद्ध करने केलिए बहुत उत्तम और शुभ समय होता है. वैसे तो अमावस्या तिथि हर माह में एक बार पड़ती है. लेकिन आषाढ़ की अमावस्या की तिथि पूजा-पाठ, स्नान-दान और पितरों की पूजा के अलावा किसानों के लिए भी खास होती है क्योंकि इस दिन किसान हल और खेती में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की पूजा करते हैं और भगवान से अच्छी पैदावार के लिए प्रार्थना करते हैं. इसीलिए आषाढ़ की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या (Halharini Amavasya) भी कहते हैं. इस बार आषाढ़ अमावस्या (Ashadh Amavasya) की तिथि का प्रारंभ 28 जून को सुबह 5:53 से शुरू होकर 29 जून को सुबह 8:23 पर समाप्त होगा. इस दिन ये अचूक उपाय करने से धन की प्राप्ति होगी. सुख समृद्धि में वृद्धि होगी. कृषि का उत्पादन अधिक होने से जीवन की आर्थिक समस्याएं खत्म होंगी. आइये जानें इन उपायों को:
आषाढ़ अमावस्या पर करें ये अचूक उपाय
इस दिन काली चींटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं. ऐसा करने से आपके पाप कर्म का क्षय होगा एवं मनोकामना पूरी होगी.
सुबह स्नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं. उसके बाद किसी नजदीक तालाब या नदी के पास जाकर इन गोलियों को मछलियों को खिलाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से आपके जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जायेंगी.
काल सर्प दोष के निवारण के लिए चांदी के बने नाग-नागिन की पूजा करके उसे सफ़ेद पुष्प के साथ बहते जल में प्रवाहित करें. सर्पकाल दोष से छुटकारा मिल जायेगा.
अमावस्या के दिन किसी पंडित से भगवान शिव (Lord Shiva) का पूजन कराकर हवन करें. इससे काल सर्प दोष से मुक्ति मिलेगी.
शाम के समय मुख्य दरवाजे के ईशान कोण पर गाय के घी का दीपक जलाएं. घी में थोड़ी सी केसर डाल दें. इससे मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होगी.
अपने शत्रुओं को पराजित करने के लिए अमावस्या की रात्रि में काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाएं. यदि कुत्ता रोटी उसी समय खा लेता है तो शत्रु उसी समय से शांत होने शुरू हो जायेंगे.
आषाढ़ अमावस्या पर भगवान सूर्य, भगवान शिव, माता गौरी और तुलसी की 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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