डेस्क: हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से बारिश और बाढ़ का सिलसिला बरकरार है. नदियां ऊफान पर हैं, पहाड़ों से गिर रहे पत्थरों से हाईवे तक क्षतिग्रस्त हैं. हर तरफ बस तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. यहां कई जगह बादल फटने की भी घटनाएं सामने आ रही हैं. इसी क्रम में शिमला से बड़ी खबर सामने आई है. यहां गुरुवार को रामपुर में बादल फटने से कई गांवों में कहर देखने को मिला. समेज गांव में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. यहां आधे से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी में बह गया.
जानकारी के मुताबिक, शिमला से 100 किमी दूर रामपुर के झाकड़ी में हाइड्रो प्रोजेक्ट के पास बादल फटा और समेज खड्ड में बाढ़ आ गई. गुरुवार सुबह यह घटना हुई. 25 घर पानी में चंद सेकंड के अंदर बह गए. 36 लोग कहां गए किसी को नहीं पता. सभी लापता हैं. रेस्क्यू टीमें उन्हें ढूंढ रही हैं. लेकिन उनका अभी तक कुछ भी पता नहीं लग पाया है. लापता लोगों में बिहार-झारखंड के लोग भी शामिल हैं. ये सभी यहां काम के सिलिसले में किराए पर मकान लेकर रह रहे थे. लेकन वो अब कहां हैं, नहीं पता. कुछ लोगों के मरने की भी आशंका है. गांव के लोगों ने बताया- यहां एक परिवार तो घर समेत ही पानी में बह गया.
गांव में रहने वाले सुभाष और उनकी पत्नी कुलविंदर ने बताया- हम लोग रात को सो रहे थे. तभी अचानक से हमारी नींद खुली. हमें लगा जैसे घर को कुछ हो रहा है. हम दौड़ते हुए मकान से बाहर आए. हमने चीखते-चिल्लाते लोगों को कहा कि बादल फटा है. सभी बाहर आ जाओ. हमारे मकान में रहने वाले 4 लोग को हमारी आवाज सुनकर बाहर आ गए. लेकिन बाकी के लोग अंदर ही रह गए. तभी मलबा सा गिरा और हमारा मकान क्षतिग्रस्त हो गया. सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिल पाया. अब हमारे पास रहने के लिए छत तक नहीं है. हम सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि हमारी मदद की जाए. उन्होंने कहा- बादल फटने से 25 से ज्यादा मकान बहे हैं. अभी तक 36 लोगों के लापता होने की सूचना मिली है. लेकिन ये संख्या ज्यादा हो सकती है. एक शख्स अपने भतीजे को ढूंढने शिमला से आया हुआ था. उसका कहना है कि उसका भतीजा समेज गांव के पावर हाउस में काम करता था. उसका भी कुछ पता नहीं चला है.
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