भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत, पुनर्वास और पुनिर्निर्माण के लिए 12 विभागों के मंत्री, प्रमुख सचिव एवं अपर मुख्य सचिवों की टास्क फार्स समिति गठित (Task force committee constituted) की थी। समिति में शामिल आधे से ज्यादा मंत्री अभी तक बाढ़ प्रभावितों के बीच झांकने तक नहीं गए हैं। जबकि किसी भी विभाग का प्रमुख सचिव एवं अपर मुख्य सचिव स्तर का अधिकारी बाढ़ प्रभावितों के बीच नहीं पहुंचा है। अधिकारी मंत्रालय में बैठक कलेक्टर एवं जिला अफसरों से वीडियो कॉफ्रेंस (Video Conference) के जरिए ही बाढ़ प्रभावित जिलों में चला जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए गृह विभाग, वित्त, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकीय विभाग, लोक निर्माण विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, पशु पालन विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं वित्त विभाग के मंत्री एवं प्रमुख सचिवों की टास्क फोर्स समिति (Task Force Committee) गठित की थी। खास बात यह है कि समिति के गठन के बाद से अभी तक टास्क फोर्स के मंत्री एवं अधिकारी एक साथ नहीं बैठे हैं। एक भी विभाग का प्रमुख सचिव एवं अपर मुख्य सचिव बाढ़ प्रभाावित जिलों में नहीं पहुंचा है। नगरीय प्रशासन आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव (Urban Administration Commissioner Nikunj Srivastava) जरूर दल-बल के साथ श्योपुर में तीन दिन तक डेरा डाले रहे। वहीं इधर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने दो दिन तक बाढ़ प्रभाावित जिलों का दौरा किया। केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Union Minister Narendra Singh Tomar) अपने संसदीय क्षेत्र के जिले मुरैना और श्योपुर (District Morena and Sheopur) में लगातार दौरे कर रहे हैं।
सीएम पहुंचे पीडि़तों के सबसे करीब
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाढ़ प्रभावित सभी जिलों का दौरा कर चुके हैं। वे पांच दिन बाढ़ प्रभावितों के बीच पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने गांव-गांव जाकर राहत पुनर्वास कार्य का जायजा लिया है। साथ ही पीडि़तों को राहत बांटने का कार्य किया है। शिवराज सिंह चौहान बाढ़ पीडि़तों के सबसे करीब पहुंचने वाले पहले नेता हैं।
ये मंत्री बाढ़ पीडि़तों के बीच नहीं पहुंचे
टास्क फोर्स समिति में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह, पशु पालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, कृषि मंत्री कमल पटेल एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रभू राम चौधरी भी शामिल हैं। ये मंत्री बाढ़ प्रभावितों के बीच नहीं पहुंचे। जबकि बाढ़ में इन विभागों से जुड़ा काफी नुकसान हुआ हैं।
ये नेता सिर्फ एक दिन गए
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाढ़ प्रभावित जिले दतिया, शिवपुरी, ग्वालियर, अशोकनगर और गुना में सिर्फ एक दिन पहुंचे। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ 5 घंटे के हवाई दौरे में ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी और श्योपुर का दौरा कर आए।
ये मंत्री प्रभावित जिलों में पहुंचे
टास्क फोर्स में शामिल विभागों में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सबसे ज्यादा सक्रिय रहे हैं। बाढ़ के दौरान भी जलभराव वाले गांवों तक पहुंचे। वे लगातर बाढ़ प्रभावितों के बीच पहुंच रहे हैं। पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया अपने प्रभार वाले जिले शिवपुरी में ही सक्रिय रहे। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट अपने प्रभार वाले जिले ग्वालियर मुख्यालय पर बैठकों तक सीमित रहे। इसी तरह राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत अपने प्रभार वाले जिले भिंड एवं ग्वालियर मुख्यालय तक सीमित रहे हैं। ऊर्जा मंत्री प्रद्ुम्न सिंह तोमर पहले मंत्री हंै जो बाढ़ प्रभावित सभी जिलों में पहुंचे हैं। पीएचई के राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव अपने गृह नगर अशोकनगर से बाहर नहीं निकले।
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