उज्जैन। इस बार सावन का महीना सुहावना नहीं है बल्कि तेज गर्मी और उमस से भरा हुआ है जिसके कारण लोग परेशान हो रहे हैं। दरअसल हवाओं की तेज गति के कारण मानसून मालवा में ठहर नहीं पा रहा या यहां आते-आते कमजोर हो रहा है। आधा सावन बीतने को है और बारिश नहीं हुई है।
किसानों की फसलें खेतों में लहरा रही हैं, लेकिन आसमान से पानी बरसने का इंतजार है। फसलें फ्लॉवरिंग स्टेज में हैं। इस समय पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है। जुलाई के 10 दिन ही शेष बचे हैं और अभी तक पानी नहीं बरसने से फसलें सूख जाएंगी और फूल झडऩे के साथ सोयाबीन को नुकसान पहुंचेगा। इस समय सूरज की गर्मी फसलों के लिए नुकसानदायक है। तापमान की बात करें तो पिछले 4 दिनों में तेज गर्मी के कारण 3 से 4 डिग्री का उछाल आ गया है। जो अधिकतम तापमान 29 डिग्री के नीचे जा रहा था वह अब 33 डिग्री करीब पहुंच रहा है। वहीं रात के तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है। लोग पंखे और कूलर के बगैर रात नहीं गुजार पा रहे हैं। सावन के महीने में मालवा के लोगों को इस प्रकार की आदत नहीं होती लेकिन वर्तमान में लोगों को भीषण गर्मी और उमस से परेशान होना पड़ रहा है। मालवा में बारिश दक्षिण-पश्चिम हवाओं के चलते होती है, लेकिन इस बार हवाओं की गति कुछ ज्यादा तेज है और इसमें बार-बार परिवर्तन भी हो रहा है। अरब सागर में जो क्लाइमेट बन रहा है वह मालवा तक नहीं पहुंच पाता, वहीं खंभात की खाड़ी में कोई नया क्लाइमेट बनता है तो मालवा में बारिश की संभावना होती है।
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