बिजली कंपनी का दावा…गर्मी के मुकाबले बारिश के बाद ठंड में एक लाख परिवार कर रहे सीमित बिजली का उपयोग
झोन पर रोजाना ज्यादा बिल की शिकायतें
इंदौर। इंदौर (Indore) शहर के आधे उपभोक्ता (consumers) प्रदेश सरकार (state government) की सस्ती बिजली योजना (electricity scheme) का लाभ ले रहे हैं। बिजली कंपनी (electricity company) की ओर से दावा किया गया कि शहर में तीन लाख से ज्यादा उपभोक्ता रियायती बिजली (subsidized electricity) का उपयोग कर रहे हैं। गर्मी के मौसम में जहां सवा दो लाख उपभोक्ता सस्ती बिजली ले रहे थे, वहीं ठंडी शुरू होने पर इनकी संख्या 3 लाख को पार कर रही है।
इंदौर शहर में बिजली कंपनी के 30 झोन के माध्यम से तकरीबन सवा 7 लाख उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंच रही है। इनमें से तकरीबन 6 लाख उपभोक्ता घरेलू बिजली का उपयोग करते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा 100 यूनिट तक सीमित बिजली उपयोग करने वालों को 1 रुपए प्रति यूनिट और 150 यूनिट तक सीमित बिजली 1 महीने में उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को रियायती बिजली बिल दिया जाता है। गर्मी के दिनों में बिजली का शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। इंदौर शहर में तकरीबन रोजाना एक करोड़ यूनिट बिजली खर्च होती है, वहीं ठंड के इस मौसम में 85000 यूनिट बिजली का उपयोग हो रहा है। गर्मी के समय में तकरीबन 225000 उपभोक्ता सस्ती और रियायती बिजली का उपयोग कर रहे थे। ठंड का मौसम शुरू हो गया है। बारिश में बिजली की खपत कम होती है। 2 महीनों से लगातार सस्ती बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ी है। कंपनी की ओर से दावा किया गया कि तकरीबन 325000 इंदौरी उपभोक्ता सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी वाली रियायती बिजली का लाभ ले रहे हैं, जो घरेलू उपभोक्ताओं की आधी संख्या है।
परेशानी ऐसी भी… बिल ज्यादा
बिजली कंपनी के हर झोन पर रोजाना ज्यादा बिल की शिकायतें लेकर लोग पहुंचते हैं। इनमें से कई लोगों का कहना है कि हमारे यहां बिजली कितनी खपत नहीं, ज्यादा बिल दिया जा रहा है। वहीं बिजली अधिकारियों का कहना है कि 94 फीसदी से ज्यादा रीडिंग के बिल जारी हो रहे हैं। बिजली कर्मचारियों के गुणा-भाग से आम उपभोक्ता कम ही संतुष्ट होता है।
बिल सुधार के लिए इंतजार
पिछले कुछ महीनों से बिजली बिल में सुधार झोन पर नहीं हो रहा है। इसके कारण बिल में त्रुटि होने पर तुरंत करेक्शन नहीं होता। बिल सुधार के लिए नोटशीट झोन से कार्यपालन यंत्री और फिर अधीक्षण यंत्री तक जाती है। इस प्रक्रिया में समय लगता है।
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