img-fluid

चीन की आधी आबादी बेरोजगार, ऐसे हो रहा बंटाधार! रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

July 20, 2023

नई दिल्ली: बेरोजगारी एक महज आंकड़ा नहीं बल्कि किसी देश के लिए महामारी की तरह है. जितनी ज्यादा बेरोजगारी होगी देश की इकोनॉमी उतनी ही कमजोर होगी. इसी महामारी से आज दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के जूझने के संकेत मिले हैं. वास्तव में इकोनॉमी के प्रोफेसर के आर्टिकल ने बेरोजगारी को लेकर चीन में कोहराम मचाकर रख दिया है. चीनी प्रोफेसी का दावा किया है कि मार्च में देश में बेरोजगारी दर करीब 50 फीसदी तक पहुंच सकती है. इस आर्टिकल के आने के बाद चीन में फिर से बेरोजगारी को लेकर बहस शुरू हो गई है. साथ ही कमजोर होते लेबर मार्केट को दोबारा से मजबूत करने की मांग भी शुरू हो गई है.

वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टैटिस्टिक ब्यूरो ने कहा कि इस आंकड़े को सिरे दरकिनार कर दिया है. साथ ही बयान दिया है कि प्रोफेसर जिस महीने बात कर रहे हैं उस महीने में 16 से 24 वर्ष की आयु के लोगों की बेरोजगारी दर 19.7 फीसदी थी, जो प्रोफेसर के आंकड़ें के आधे से भी कम है. अगर चीन के आधिकारिक आंकड़े को भी सच मानें तो करीब 20 फीसदी की बेरोजगारी दर कम नहीं है. यही वजह से चीन की इकोनॉमी को लगातार नुकसान हो रहा है.

जून में रिकॉर्ड 21 फीसदी से ज्यादा बेरोजगारी
पेकिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झांग डंडान ने प्रतिष्ठित वित्तीय पत्रिका कैक्सिन में एक ऑनलाइन लेख में लिखा है कि अगर 16 मिलियन नॉन स्टूडेंट्स घर पर “लेटे हुए” हैं या अपने माता-पिता पर डिपेंड हैं तो देश की बेरोजगारी दर 46.5 फीसदी तक हो सकती है. झांग यूनिवर्सिटी के नेशनल स्कूल ऑफ डेवलपमेंट में इकोनॉमिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उनका आर्टिकल, जो मूल रूप से सोमवार को प्रकाशित हुआ था, जिसे अब हटा दिया गया है. आधिकारिक युवा बेरोजगारी दर, जिसमें एक्टिवली काम की तलाश करने वाले लोग शामिल हैं, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी की दूसरी तिमाही में स्पीड कम होने के बाद जून में रिकॉर्ड 21.3 फीसदी तक बढ़ गई. पॉलिसी मेकर्स ने कोविड-19 महामारी के बाद से इकोनॉमी को स्टेबल करने की काफी कोशिश की है.


मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा बेरोजगारी
वास्तव में झांग का रिसर्च पूर्वी चीन में सूज़ौ और कुशान के मैन्युफैक्चरिंग सेंटर्स पर प्रकोप के प्रभाव पर केंद्रित था. उन्होंने लिखा कि मार्च तक वहां रोजगार केवल पूर्व-कोविड लेवल के दो-तिहाई तक ही पहुंच पाया. खास बात तो ये है कि जब तक कोविड का असर काफी फीका पड़ गया. चीन का यूथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रमुख रूप से श्रमिक का काम करता है. जिसकी वजह से उन पर ज्यादा बुरा प्रभाव देखने को मिला. उन्होंने अर्टिकल में कहा कि इसके अलावा, ट्यूशन, संपत्ति और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म सेक्टर्स में 2021 से पेश किए गए नियमों ने युवा कर्मचारियों और वेल एजुकेटिड लोगों पर बुरा प्रभाव डाला है.

चीनी सोशल मीडिया पर बवाल
चीन के लोकप्रिय सोशन मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर एक यूजर ने गुरुवार को झांग के ​आर्टिकल की आलोचना करते हुए कहा कि उनका स्टैस्टिकल मेथड कमी थी. उसने वीबो पर लिखा कि बेरोजगारी के आंकड़ें कलेक्ट करते समय अर्थशास्त्री आमतौर पर उन लोगों की गिनती नहीं करते हैं जो एक्टिवली काम की तलाश नहीं कर रहे हैं. वहीं दूसरे सोशल मीडिया यूजर ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि चीन में नौकरी ढूंढना अभी भी कितना कठिन है. एक वीबो पोस्ट के अनुसार, इतने सारे ग्रेजुएट स्टूडेंट्स नौकरियों की तलाश करने के बजाय पोस्ट ग्रेजुएट या सिविल सर्विस एग्जाम में बैठते हैं. जिसकी वजह से वो नौकरियों की तलाश नहीं करते हैं.

Share:

हर आदमी के मुंह पर कलंक है मणिपुर का वीडियो, कहां से आई इतनी निर्लज्जता?

Thu Jul 20 , 2023
नई दिल्ली: ठीक से पहुंच गई? ये सवाल हर बेटी ने, हर माँ ने, हर पत्नी ने, हर बहन ने कितनी ही बार सुना होगा. कभी भाई, कभी पिता, कभी पति के मुँह से. चिंता के भाव से लदे ये शब्द हर महिला ने सुने होंगे. किसी घर की बेटी जब असमय घर से निकलती […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
रविवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved