इंदौर (Indore)। जी-20 बैठक के लिए विभिन्न देशों से आए कुछ प्रतिनिधि कल बैठक समाप्त होने के बाद रात में ही शहर से रवाना हो गए थे, जबकि बचे हुए कुछ लोगों ने आज सुबह की फ्लाइट से राह पकड़ ली। बचे-खुचे 20-25 लोगों को लेकर जिला प्रशासन राजबाड़ा दिखाने पहुंचा और उसके लिए इतने तामझाम किए कि पूरा मध्य क्षेत्र गली-कूचों से होकर गुजरता रहा।
सरकारी मेहमानों ने बोलिया सरकार की छत्री से लेकर राजबाड़ा तक इंदौर की ऐतिहासिक इमारतों के साथ ही इंदौर के इतिहास को भी जाना। उनके लिए इंदौर के इतिहासकार बुलाए गए थे। राजबाड़ा के अंदर पुराने गहनों और सिक्कों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। इंदौर की संगीत संस्कृति दिखाने के लिए नादयोग संस्थान की रागिनी मक्खर की कथक नृत्यकारों की टीम भी वहां मौजूद थी। इसके अलावा शास्त्रीय संगीत के कलाकारों ने शास्त्रीय वाद्य यंत्र बजाए। पर्यावरण-प्रेम दिखाने के लिए कुछ मेहमानों से कृष्णपुरा छत्री पर पौधारोपण भी कराया गया। इसके बाद बोलिया सरकार की छत्री, कृष्णपुरा छत्री, वीर सावरकर मार्केट, गोपाल मंदिर के बाद इंदौर से जुड़ी तमाम जानकारी इतिहासकार जफर अंसारी और शर्वाणी ने अतिथियों को दी। दो घंटे से भी कम समय में हेरिटेज वॉक खत्म हो गई।
न वॉक में रुचि थी न सांस्कृतिक कार्यक्रम में… नाश्ता कर रवाना
राजबाड़ा पर हेरिटेज वॉक के समापन के दौरान यहीं पर अतिथियों के नाश्ते की व्यवस्था की गई, लेकिन कई अतिथि हेरिटेज वॉक पूरी होने से पहले ही नाश्ता कर निकल गए तो कई प्रस्तुतियों के दौरान ही निकल गए। इस दौरान कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी और निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद रहे।
इतिहास की उत्सुकता
हेरिटेज वॉक के दौरान यूं तो कम अतिथि ही मौजूद रहे, लेकिन जो भी अतिथि इस हेरिटेज वॉक में शामिल हुए, वे तमाम ऐतिहासिक इमारतों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद करते नजर आए। कई ने पुराने एलबम में इंदौर की पुरानी तस्वीरों को निहारा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved