भोपाल। प्रदेश सरकार (State Government) अस्पतालों में खाली बेड की जानकारी ऑनलाइन (Online) और हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) पर उपलब्ध होने का दावा कर रही है। दो दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री प्रभूराम चौधरी (Prabhuram Choudhary) ने भी यही दावा किया था। जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इंदौर में बेड की उपलब्धता जानने के लिए हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) 1075 पर कॉल किया जो मुख्यमंत्री का आधे घंटे तक फोन ही कनेक्ट (Connect) नहीं हुआ। आधे घंटे बाद भी मुख्यमंत्री (Chief Minister) का फोन तब कनेक्ट (Connect) हुआ जब प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी ने हेल्पलाइन सेंटर (Helpline center) के प्रभारी अधिकारयों केा सूचना दी। मुख्यमंत्री के फोन से हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) की पोल खुल गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड संक्रमत (Covid infect) मरीजों को अस्पताल (Hospital) में बेड, आइसोलेशन (Isolation) में उपचार और अन्य मदद के लिए जारी किए गए 1075 हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) कितना कारगर है। गुरूवार को इंदौर के कॉल सेंटर (Call Center) की स्थिति जानने के लिए जब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने अपने ओएसडी (OSD) के फोन से कॉल किया तो आधे घंटे बाद फोन कनेक्ट हो सका। मुख्यमंत्री ने बगैर अपना परिचय दिए इंडेक्स मेडिकल कालेज (Index Medical College) में बेड की उपलब्धता की जानकारी ली। शाम साढ़े चार बजे भोपाल से इंदौर के कोविड कंट्रोल सेंटर (Covid Control Center) पर मुख्यमंत्री ने ओएसडी (OSD) के नंबर से फोन किया। काफी देर तक जब फोन कनेक्ट (Phone connect) नहीं हुआ तो प्रमुख सचिव स्वास्थ प्रतीक हजेला (Prateek Hajela) ने कोविड सेंटर में मौजूद डाटा मैनेजर (Data manager) को मोबाइल पर फोन कर कॉल कनेक्ट (Call connect) नहीं होने की जानकारी दी।
भोपाल में बिस्तर चाहिए कहां मिलेगा
मुख्यमंत्री ने 1075 कॉल सेंटर पर फोन करके भोपाल में कोविड उपचार के लिए बिस्तरों की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने कॉल कर पूछा कि मुझे भोपाल में बिस्तर चाहिए, कहाँ उपलब्ध है, एम्स में ऑक्सीजन बेड मिलेगा, जेके में मिलेगा, पीपुल्स में है, कितने बिस्तर हैं, ऑक्सीजन भी है। उत्तर में कॉल सेंटर से बताया गया कि एम्स में ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं। जे.के. एवं पीपुल्स हॉस्पिटल गवर्मेंट फेसेलिटी में है, यहाँ भी बेड एवं ऑक्सीजन उपलब्ध है। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने जब फोन किया उससे पहले अफसरों ने हेल्पलाइन प्रभारी को इसी सूचना दे दी थी कि मुख्यमंत्री कॉल करेंगे। जबकि हकीकत में लोगों को हेल्पलाइन नंबर पर कोई जानकारी नहीं मिल रही है। काफी देर तक फोन ही नहीं उठता।
प्रमुख सचिव की फटकार के बाद उठा सीएम का फोन
कॉल सेंटर में मौजूद दस कॉलर में से किसके पास मुख्यमंत्री के ओएसडी का कॉल आ रहा है। यह काफी देर तक पता नहीं चल सका। इस पर प्रमुख सचिव ने अफसरों के समक्ष नाराजगी जाहिर की। बाद में कॉल कनेक्ट हुआ और मुख्यमंत्री ने कॉल सेंटर में बात की। इस दौरान यहां सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या, कोविड नोडल अधिकारी डा. अमित मालाकार, कंट्रोल कमांड सेंटर अधिकारी डा. अनिल डोंगरे भी मौजूद थे। कॉल कनेक्ट नहीं होने पर डाटा मैनेजर अपूर्वा तिवारी ने जब कर्मचारियों को डांटा तो वहां हंगामा हो गया। अन्य अधिकारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया।
एक शिफ्ट में १३०० कॉल सुनने का दावा
कोविड कंट्रोल सेंटर में एक शिफ्ट में 1300 कॉल अटेंड करने का दावा अधिकारी कर रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि लोगों को इन नंबर पर कॉल पर करने पर आम लोगों को आसानी से मदद ही नहीं मिल रही। कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर के प्रभारी डा. अनिल डोंगरे के मुताबिक 1075 हेल्प लाइन नंबर पर कॉल उठाने वाले 10 कॉलर मौजूद है। कई बार कॉल वेटिंग पर रहती है, इस वजह से आपरेटर कॉल नहीं उठा पाते है। इस हेल्पलाइन पर कॉल करने पर एक से दो बार रिंग जाने के बाद कॉल कनेक्ट होती है। कई बार कॉल भोपाल के कॉल सेंटर से भी कनेक्ट होती है। यदि कॉलर की संख्या बढ़ा दी जाए तो ज्यादा कॉल उठाए जा सकते है।
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