इंदौर। वर्षों पुराने औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Areas) बदहाल हो गए हैं, जिसके चलते इनसे जुड़े संगठन आए दिन बिजली, सडक़, ड्रैनेज (electricity, road, drainage) सहित अन्य विकास कार्यों की मांग करते हैं। अब 66 करोड़ रुपए की राशि से आधा दर्जन इन पुराने औद्योगिक क्षेत्रों (Industrial Areas) में नए सिरे से इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी एमपीआईडीसी ने ली है। 75 फीसदी राशि शासन वहन करेगा और 25 फीसदी एमपीआईडीसी खर्च करेगा। इसमें इंदौर जिले के पुराने इलेक्ट्रॉनिक, रेडिमेड कॉम्प्लेक्स और स्पेशल इकॉनोमिक झोन पार्ट-2 (Electronic, Readymade Complex, Special Economic Zone Part-2) के अलावा खरगोन के निमरानी, शाजापुर के मक्सी और मंदसौर (Nimrani, Shajapur, Maksi, Mandsaur) के झग्गाखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Areas) शामिल हैं।
{relpost]
इंदौर, पीथमपुर (Indore, Pithampur) और आसपास नए औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Areas) भी विकसित किए जा रहे हैं। अभी पीथमपुर (Pithampur) में सेक्टर-7 को भी एमपीआईडीसी (MPIDC) विकसित कर रहा है, लेकिन उसके साथ ही आधा दर्जन पुराने औद्योगिक क्षेत्रों (Industrial Areas) को भी नए सिरे से विकसित किया जाएगा, ताकि खाली जमीन और भूखंडों पर नए उद्योग तो आ ही सकें, वहीं पुराने चल रहे उद्योग भी अपनी क्षमता में विस्तार कर सकें। आए दिन औद्योगिक संगठन और उनसे जुड़े एसोसिएशन के पदाधिकारी मांग करते हैं कि पुराने क्षेत्र बदहाल हो गए हैं, जहां सडक़, बिजली, पानी, ड्रैनेज सहित अन्य समस्ताएं हैं। इसके चलते अब मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम ने इन पुराने क्षेत्रों को विकसित करने का जिम्मा लिया है और लगभग 66 करोड़ रुपए की योजना बनाई है, जिसमें से 75 फीसदी राशि शासन और 25 फीसदी खुद एमपीआईडीसी खर्च करेगा। इसके प्रबंध निदेशक रोहन सक्सेना के मुताबिक इंदौर के इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स, रेडिमेड कॉम्प्लेक्स के साथ सेज पार्ट-2 को भी इसमें शामिल किया गया है। खराब सडक़ों, ड्रेनेज, ग्रीन बेल्ट सहित अन्य विकास के कार्य इन पुराने औद्योगिक क्षेत्रों (Industrial Areas) में किए जाएंगे।
150 एकड़ पर मक्सी में बनेगा नया इंडस्ट्रीयल बेल्ट
शाजापुर जिले (Shajapur District) का मक्सी भी औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Areas) में अपनी पहचान बना चुका है। यहां के पुराने औद्योगिक क्षेत्र को तो नए सिरे से विकसित करने की योजना में शामिल किया ही है, वहीं नए इंडस्ट्रीयल बेल्ट (Industrial Belt) के लिए भी 150 एकड़ अविकसित जमीन चिन्हित की गई है। इस जमीन के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेज दिया है, ताकि सरकारी जमीन का हस्तांतरण विभाग को किया जा सके। इस 150 एकड़ जमीन को आधुनिक इंडस्ट्रीयल बेल्ट (Industrial Belt) के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे नए उद्योगों को भूखंड और जमीन उपलब्ध करवाई जा सकेगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved