हल्द्वानी (Haldwani)। उत्तराखंड के हल्द्वानी (Haldwani violence) में तीन दिन पहले हिंसा भड़काने (incite violence) के आरोप में पिछले 24 घंटे में 25 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच दो मुस्लिम संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र का दौरा किया और आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों के साथ धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यवहार किया जाता है। वहीं पुलिस ने कहा कि आठ फरवरी को हुए दंगे में गिरफ्तार किये गये लोगों की संख्या बढ़कर अब 30 हो गई है। इसके साथ ही यहां अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया है कि विवादित जगह पर अब नए थाने का निर्माण किया जाएगा.
खुर्शीद अहमद ने कहा- अल्लाह का घर तोड़ने पर तो होगा रिएक्शन
इस हिंसा पर मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि वो चाहते हैं कि अमन चैन जल्दी लौटे, वरना गरीब लोग भूखे मर जाएंगे. बच्चों को दूध तक नहीं मिल रहा है. सरकार को कसूरवारों पर कार्रवाई करनी चाहिए. यह इंटेलिजेंस फेलियर है. पहले से किसी ने तैयारी नहीं की थी. यदि कोई अल्लाह का घर तोड़ेगा तो रिएक्शन तो होगा. इस्लामिक मामलों के जानकार खुर्शीद अहमद ने कहा, ”देखिए यदि किसी धार्मिक स्थल को तोड़ा जाता है, तो उसका रिएक्शन होता है. लोग विरोध करते हैं. यहां हुई हिंसा के कई सारे कारण है.”
जमियत उलेमा ए हिन्द के उत्तर प्रदेश सचिव जाकिर ने कहा, ”अमन चैन लौटे इसके लिए अपने नजरिए को सही करना होगा. देश का मुखिया, प्रदेश का मुखिया, उसके लिए सब बराबर होने चाहिए. ऐसा न हो इनके लिए सोच कुछ है, उनके लिए सोच कुछ है. यह जांच हो कि अधिकारियों से कहां चूक हुई है. ये मामला पहले से कोर्ट में है. चंद दिन में इनकी सुनवाई होनी है. इसको पहले खूब शोर मचाकर लोगों को उकसा कर आप मस्जिद और मदरसे को शहीद करने जा रहे हैं. कितनी भीड़ थी और कितने लोगों के हाथ में पत्थर हैं.
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