नई दिल्ली(New Delhi) । भीषण गर्मी (Extreme heat)का कहर सिर्फ भारत के उत्तर पश्चिमी(Northwest) हिस्से ही नही दुनिया(World) के दूसरे देशों में भी इसका कहर देखने को मिल रहा है। हज की यात्रा(pilgrimage to hajj) पर सऊदी अरब(Saudi Arab) आए 19 लोगों की हीट स्ट्रोक से मौत हो गई। अधिकारियों का कहना है कि इस साल तापमान में भारी उछाल है और भीषण गर्मी का कहर जारी है। मरने वाले हज यात्री जॉर्डन और ईरान के बताए जा रहे हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक सभाओं में से एक
हर साल हज यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में मुस्लिम सऊदी अरब आकर मक्का और मदीना का दौरा करते हैं। हज दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक सभाओं में से एक है। मुस्लिम समुदाय में ऐसा कहा जाता है कि मक्का और मदीना बेहद पवित्र स्थल हैं और सभी मुसलमानों को कम से कम एक बार हज की यात्रा जरूर करनी चाहिए। इस साल सऊदी अरब में हज यात्रियों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। दिन के वक्त तापमान 40 डिग्री से भी ऊपर चला जा रहा है।
बुजुर्गों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा
इस साल हज यात्रा के लिए कम से कम 1.8 मिलियन मुस्लिम भाग ले रहे हैं। कई अनुष्ठान बाहर और पैदल पूरे किए जाते हैं, इससे बुजुर्गों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी के कारण कम से कम 19 हज यात्रियों की मौत की सूचना है। सऊदी अरब ने हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी लेकिन, जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “जॉर्डन के 14 तीर्थयात्रियों की हज यात्रा के दौरान मृत्यु हो गई और 17 अन्य लापता हो गए। हालांकि उनकी मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।”
उधर, ईरानी रेड क्रिसेंट के प्रमुख पिरहोसैन कूलिवंद ने कहा, “इस साल हज के दौरान मक्का और मदीना में अब तक पांच ईरानी तीर्थयात्रियों की जान चली गई है”। ईरान ने भी भी नहीं बताया कि उनकी मौत कैसे हुई।
पिछली हज यात्रा में 240 की मौत
हालांकि यह पहली बार नहीं है। विभिन्न देशों द्वारा घोषित आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल हज के दौरान कम से कम 240 लोग की मौत हो गई थी, इनमें से अधिकांश इंडोनेशिया से थे। तब भी मौत के कारणों की जानकारी नहीं दी गई थी। सऊदी अरब के एक अधिकारी ने एएफपी को बताया कि पिछले साल देश में गर्मी के कारण 10000 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हुए थे। इनमें 10 फीसदी हीट स्ट्रोक के कारण थे।
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