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हज यात्रा पर दिखाई पड़ रहा कोरोना महामारी का असर, दिल्ली में अब तक आए सिर्फ 771 आवेदन

December 08, 2020

नई दिल्ली । कोविड महामारी की वजह से देश-दुनिया में फैली आर्थिक मंदी और महंगाई का सीधा असर इस बार पवित्र हज यात्रा पर भी पड़ता दिख रहा है। कोविड-19 की गाइड लाइन के साथ बेहद महंगी होने वाली हज यात्रा के लिए इस बार बेहद कम आवेदन अब तक प्राप्त हुए हैं, जबकि 10 दिसम्बर आवेदन की अंतिम तारीख है। पिछले वर्ष सऊदी अरब सरकार ने भारत का कोटा दो लाख तय किया था मगर इस वर्ष कोटा में कटौती कर के इसे महज़ 50 हजार किया जा सकता है। इसमें से भी हज कमेटी को महज़ 30-35 हजार ही कोटा मिल सकता है बाकी कोटा प्राइवेट टूर आपरेटर्स को दिया जा सकता है।

फिलहाल, केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी हज यात्रा से संबंधित जानकारी एकत्र कर रहे हैं और वह 10 दिसम्बर से पहले दिल्ली में सारी रणनीति का खुलासा कर सकते हैं।

कोरोना महामारी से फैली आर्थिक मंदी और महंगाई से प्रभावित हज यात्रा बीते साल के मुकाबले इस साल बहुत महंगी हुई है। दिल्ली हज कमेटी के उप कार्यकारी अधिकारी मोहसिन अली ने बताया कि कोरोना काल में 2020 में जहां सऊदी सरकार ने भारत समेत सभी देशों के लिए हज यात्रा को रद्द कर दिया था, वहीं इस वर्ष भी हालत बहुत ज्यादा बढ़िया और अनुकूल नहीं है। महामारी की वजह से लोग आर्थिक रूप से परेशान हैं। इस साल का हज भी पहले के मुकाबले काफी ज्यादा महंगा हो गया है। इसका असर हज के सफर के लिए किए जाने जाने वाले आवेदनों पर देखने को साफ तौर से मिल रहा है। दिल्ली राज्य हज कमेटी के दफ्तर में दिनभर में 1-2 लोग ही आवेदन करने के लिए आ रहे हैं।

मोहसिन अली के मुताबिक इस बार महामारी को लेकर सरकार की तरफ से जो गाइड लाइन जारी की गई है, उसके अनुसार हज फॉर्म भरने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसके लिए बाकायदा हज मंजिल में सहायता डेस्क बनाई गई है। यहां मौजूद स्टाफ फॉर्म भरने में मदद करता है। दिल्ली सरकार की तरफ से डॉक्टर की टीम भी मौजूद है जो ब्लड ग्रुप आदि की जांच भी नि:शुल्क कर रहे हैं। यह पूरे दिन यहां खाली बैठे रहते हैं, क्योंकि फॉर्म भरने वाले एक-दो लोग ही आ रहे हैं।

अब तक राजधानी दिल्ली से सिर्फ 771 लोगों ने हज यात्रा पर जाने के लिए अपना आवेदन कराया है। लगभग यही हाल अन्य राज्यों का भी है। वहां पर भी फार्म भरने की रफ्तार बहुत धीमी गति से चल रही है। मोहसिन के मुताबिक पिछली 7 नवम्बर से अब तक सिर्फ 771 आवेदन फॉर्म ही मिल पाए हैं, जबकि आम दिनों में इतने फॉर्म तो एक दिन में ही आ जाते थे। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार फॉर्म भरने का सिलसिला कितनी धीमी गति से चल रहा है। ऐसा लगता है कि फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आगे बढ़ानी पड़ सकती है।

आर्थिक तंगी के साथ ही हज की बढ़ी फीस कहीं न कहीं लोगों को परेशान कर रही है। लॉकडाउन की वजह से लोग कारोबारी लिहाज से टूट चुके हैं। जिसका सीधा असर हज के सफर पर जाने वालों पर पड़ रहा है। इस बार हेल्थ गाइड लाइन के कारण ग्रुप में जाने वाले हाजियों की संख्या को पांच से घटाकर तीन कर दिया गया है। इसके साथ ही आयु सीमा में भी बदलाव किया गया है। इस बार 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हज यात्रा पर जाने की इजाजत नहीं है। इसके अलावा आम लोगों में इस बात को लेकर भी आशंका बनी हुई है कि कहीं बीते साल की तरह इस बार भी हज यात्रा को लेकर कोई फेरबदल सऊदी अरब सरकार की तरफ से किया जा सकता है। इसकी वजह से भी हज पर जाने वालों में असमंजस कि स्थिति बनी हुई है।

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