नई दिल्ली (New Delhi)। ई-सिम (eSIM) को इसीलिए डिजाइन किया गया था कि उसकी चोरी ना हो और फिजिकल सिम कार्ड (physical sim card) की झंझट ना रहे, लेकिन अब हैकर्स (hackers) eSIM का ही इस्तेमाल करके लोगों के फोन और बैंक अकाउंट (phone and bank account) में सेंध लगाने लगे हैं। हैकर्स eSIM की एक खामी का फायदा (advantage of drawback) उठाकर लोगों के सिम कार्ड को अपने फोन में पोर्ट कर रहे हैं। यह वाकई हैरान करने वाली रिपोर्ट है लेकिन यह सच भी है।
साइबर सिक्योरिटी फर्म ने किया दावा
रूस की साइबर सिक्योरिटी फर्म FACCT ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि अभी तक 100 से अधिक लोगों के eSIM को हैकर्स ने पोर्ट करने की कोशिश की है। इससे पहले हैकर्स लोगों के सिम कार्ड को पोर्ट करने के लिए सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करके टेलीकॉम कंपनियों के डाटाबेस में सेंध लगाते थे।
क्या होता है eSIM?
eSIM एक सॉफ्टवेयर आधारित सिम कार्ड होता है जिसे क्यूआर कोड को स्कैन करके फोन में इंस्टॉल किया जाता है। फिलहाल प्रीमियम फोन में ही ई-सिम की सुविधा मिल रही है, लेकिन यह धीरे-धीरे पोपुलर भी हो रहा है। eSIM को पोर्ट करके आपके बैंक अकाउंट, क्रिप्टो वॉलेट आदि को खाली किया जा सकता है और आपके नाम पर किसी के साथ ठगी भी हो सकती है।
FACCT ने eSIM यूजर्स को अपने फोन की सिक्योरिटी को पुख्ता रखने के लिए कहा है। सुझाव दिया गया है कि पासवर्ड को जटिल रखें। बैंक अकाउंट के पासवर्ड को भी टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ सुरक्षित रखें।
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