वाशिंगटन। अमेरिका में परमाणु हथियारों के भंडार की देखरेख करने वाले राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (NNSA) और ऊर्जा मंत्रालय (DOE) के नेटवर्क पर साइबर हमलों की खबरें हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियां (US Intelligence Agencies) मानती हैं कि हमारी सरकारी प्रणालियों में सेंध लगाने में जुटे हैकरों ने जिन उपकरणों का इस्तेमाल किया वह रूसी संसद क्रेमलिन से जुड़े थे। एजेंसियों ने इसे संघीय सरकार के लिए गंभीर खतरा बताया।
अमेरिकी खुफिया डाटा में सेंध की शुरुआत मार्च से प्रारंभ होने का दावा है। इस बीच, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उनका प्रशासन जिम्मेदार लोगों पर पर्याप्त कार्रवाई करेगा जबकि राष्ट्रपति ट्रंप ने इस हैकिंग पर चुप्पी साधी हुई है। हैकिंग का दायरा परमाणु प्रयोगशालाओं, पेंटागन और वित्त एवं वाणिज्य मंत्रालय नेटवर्क से आगे निकलता पाया गया है। संघीय जांचदल के लिए नुकसान और चोर का आकलन करने की चुनौती है। दावा है कि इस दौरान हैकरों ने बड़ी मात्रा में गोपनीय फाइलें चोरी कर ली हैं।
इस हमले से अमेरिका में करीब छह संघीय एजेंसी प्रभावित हुई हैं जिनमें सीआईए, एफबीआई व गृह सुरक्षा शामिल हैं। ऊर्जा मंत्रालय के मुख्य सूचना अधिकारी रॉकी कैंपियोन ने घटना की पुष्टि की है। अब एनएनएसए और डीओई ने हैकिंग से जुड़ी सभी जानकारियां अमेरिकी संसद समिति को भेज दी हैं।
इस तरह हुई हैकिंग की शुरुआत
इस साल मार्च से शुरू हुई हैकिंग में हैकरों ने सॉफ्टवेयर अपडेट्स के साथ कुछ गलत कोड दिए थे। ये अपडेट्स कारोबार और सरकारी कंप्यूटर नेटवर्क पर नजर रखने के लिए डाले गए। इन्हें मैलवेयर कहा जाता है। इनकी मदद से हैकरों की सरकारी और कारोबारी नेटवर्क में घुसपैठ आसान हो गई। इसी क्रम में अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी फायरआई के भी हैक होने की आशंका जताई गई।
सेंध का शिकार परमाणु एजेंसियां
अमेरिका की जिन एजेंसियों में सुरक्षा अधिकारियों ने संदिग्ध गतिविधियों को रिकॉर्ड किया है उनमें न्यू मैक्सिको और वाशिंगटन की फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन (एफईआरसी), सैंडिया राष्ट्रीय प्रयोगशाला न्यू मेक्सिको और लॉस अलामोस राष्ट्रीय प्रयोगशाला वाशिंगटन, राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन का सुरक्षित परिवहन कार्यालय और रिचलैंड फील्ड कार्यालय शामिल हैं। ये सभी अमेरिकी परमाणु हथियारों के भंडार को नियंत्रित और उनके सुरक्षित परिवहन को सुनिश्चित करते हैं।
संघीय निकायों ने शुरू की जांच
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि ये हैकर्स अन्य एजेंसियों की तुलना में संघीय ऊर्जा नियामक आयोग को अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इस एजेंसी के नेटवर्क में उन्हें सबसे ज्यादा घुसपैठ के सबूत मिले हैं। इस मामले में साइबर सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी हैकिंग गतिविधियों से जुड़ी जांच में अमेरिकी संघीय सेवा को मदद कर रही है।
माइक्रोसॉफ्ट ने की 40 प्रभावितों की पहचान
सरकार की चेतावनी को लेकर माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि उसने करीब 40 कंपनियों, सरकारी एजेंसियों और थिंकटैंकों की पहचान की थी जिनमें संदिग्ध रूसी हैकरों ने घुसपैठ की थी। इनमें से आधी निजी प्रौद्योगिकी फर्म हैं। इनमें से कुछ फायरआई जैसी साइबर सुरक्षा फर्म भी शामिल हैं। माइक्रोसॉफ्ट अध्यक्ष ब्रेड स्मिथ ने कहा, हमने पहले ही 40 प्रभावितों की पहचान कर ली है।
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