वॉशिंगटन जल्द ही अमेरिका H-1B वीजा के लिए चयन की प्रक्रिया में बदलाव करने जा रहा है. Donald Trump के प्रशासन की तरफ से ये जानकारी दी गयी है कि नई प्रक्रिया में वेतन और कौशल (Salary & Skills) को तवज्जो दी जाएगी जबकि मौजूदा में लोटरी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है
इस संबंध में अंतिम नियम 8 जनवरी को फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित होंगे. अधिकारियों ने ये भी कहा कि इसका उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों के आर्थिक हितों की रक्षा करना है और ये भी सुनिश्चित करना है कि अस्थायी रोजगार कार्यक्रम से उच्च दक्षता रखने वाले विदेशी कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिले.
अमेरिकी अधिकारियो ने इसका एक फायदा ये भी बताया है की कहा गया है कि H-1B वीजा की चयन प्रक्रिया में संशोधन से नियोक्ताओं को उच्च वेतन और उच्च पदों की पेशकश करने में प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही कंपनियां अपनी जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों को रखने में सक्षम होंगी.
ये रोक Trump ने बढ़ाई है
H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है जिसमे अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशिष्ट पदों पर भर्ती करने की अनुमति है. America की तकनीकी कंपनियां इस वीजा के आधार पर भारत और चीन से हर साल हजारों की संख्या में कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप की वजह से बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवर प्रभावित हुए हैं क्यूंकि 31 दिसंबर को सबसे अधिक मांग वाले H-1B वीजा के साथ ही दूसरे सभी तरह के विदेशी कार्य वीजा पर रोक को ट्रम्प द्वारा तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था
Salary पर क्या असर होगा
US Citizenship and Immigration Services ने कहा कि एच-1बी वीजा की चयन प्रक्रिया में संशोधन से नियोक्ताओं को उच्च वेतन और उच्च पदों की पेशकश करने में प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही कंपनियां अपनी जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों को रखने और खुद को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में सक्षम होंगी.
Decision क्यों लिया गया
USCIS के डिप्टी डायरेक्टर फॉर पॉलिसी जोसेफ एडलो (Joseph Edlow) ने कहा कि H-1B अस्थायी वीजा कार्यक्रम का फिलहाल नियोक्ता द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा हैं. वे मुख्य रूप से एंट्री लेवल के पदों को भरने और अपनी कारोबारी लागत को घटाने में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं और इस बदलाव को लाने के बाद उनके लिए ऐसा करना मुश्किल हो जाएगा.
Joe Biden से लगाई गुहार
जानकारी के लिए बता दे की हाल ही में एक भारतीय-अमेरिकी समूह ने जो बाइडेन से आग्रह किया है वह कि H-1B वीजा पर प्रतिबंधों को कम करें और अमेरिका में आईटी पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विज्ञान और गणित की डिग्री वाले उच्च शिक्षा प्राप्त छात्रों को ग्रीन कार्ड दें.
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