वाराणसी (Varanasi)। ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi campus) की सर्वे रिपोर्ट (Survey report) सार्वजनिक की जाए या नहीं, इस पर बुधवार को जिला जज की अदालत (District Judge’s Court) फैसला (decision today) करेगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) (Archaeological Survey of India (ASI)) ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दो सील बंद लिफाफों में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट दाखिल की है। रिपोर्ट की मांग हिंदू के साथ ही मुस्लिम पक्ष ने भी की है। हिंदू पक्ष ने रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया था। मुस्लिम पक्ष ने पहले आपत्ति जताई थी, फिर ईमेल आईडी देकर रिपोर्ट मांगी है।
सर्वे रिपोर्ट लीक न हो, मीडिया कवरेज पर लगे रोक
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Intejamia Masjid Committee) ने जिला जज की अदालत में आपत्ति दाखिल की है। कमेटी ने अनुरोध किया कि शपथ पत्र लेने के बाद ही सर्वे की रिपोर्ट दी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सर्वे की रिपोर्ट लीक नहीं होगी। मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।
व्यासजी के तहखाने की सुपुर्दगी पर आदेश संभव
ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी दिए जाने की मांग वाले वाद में बुधवार को आदेश आ सकता है। वाराणसी जिला जज की अदालत पक्षकार बनाने के विजय शंकर रस्तोगी के आवेदन पर भी आदेश दे सकती है। इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील अब केस में नए पक्षकार को नहीं चाहते हैं। वहीं आवेदक खुद को पुराना पक्षकार बताकर केस में वादी बनना चाहते हैं।
मछलियों के मरने मामले की सुनवाई संभव
ज्ञानवापी परिसर के सील क्षेत्र में मृत मछलियों और उनको सुरक्षित रखने के मामले में जिला जज की अदालत बुधवार को सुनवाई कर सकती है। यूपी सरकार के विशेष अधिवक्ता राजेश कुमार मिश्र ने बताया कि एडवोकेट आयुक्त के सर्वे के दौरान मछलियों को सुरक्षित रखने की बाबत आवेदन दिया था। इस पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से आपत्ति की गई थी। वह आवेदन 80 ग के रूप में जिला जज की अदालत में अभी लंबित है। इस बीच मसाजिद कमेटी ने मछलियों के मरने और उन्हें सुरक्षित रखने को लेकर डीएम को आवेदन दिया गया है। कमेटी के अधिवक्ता मुमताज़ अहमद ने बताया कि अभी इस आवेदन पर कोई आदेश नहीं आया है।
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