नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शुक्रवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण फिर से शुरू कर दिया है। सर्वेक्षण यह पता लगाने के लिए किया जा रहा है कि क्या यह मस्जिद एक हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई है, ASI ने ज्ञानवापी परिसर की दीवारों और स्तंभों पर उकेरे गए त्रिशूल, स्वस्तिक, घंटी और फूल जैसे प्रतीक की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की है। यह सर्वे करीब 7 घंटे चला है। पहले दिन दीवारों, गुंबदों और खंभों पर बने प्रतीकों का भी सर्वेक्षण किया गया। इस दौरान ज्ञानवापी परिसर के पास कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला अधिकारियों द्वारा बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था।
सर्वे में अब तक क्या-क्या हुआ?
ज्ञानवापी परिसर के चारों कोनों पर डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाए गए हैं और परिसर के विभिन्न हिस्सों की गहराई और ऊंचाई मापी गई है। इस दौरान ASI टीम में 37 लोग शामिल थे, आईआईटी की विशेषज्ञ टीमों के साथ मिलकर कुल 41 सदस्यों ने एक टीम बनाई गई जिसे इस सर्वेक्षण को शुरू करने के लिए चार टीमों में विभाजित किया गया था। शनिवार को लगातार दूसरे दिन सर्वेक्षण फिर से शुरू हुआ और मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वे इसमें सहयोग करेंगे।
आज क्या-क्या होगा?
सर्वे आज सुबह 9 बजे शुरू हुआ और दोपहर 12.30 बजे तक जारी रहेगा। यह दोपहर 2.30 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा। कल एएसआई द्वारा वीडियोग्राफी की गई थी। संभावना तहखाने का सर्वेक्षण आज किया जा सकता है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद पर वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूरा करने के लिए एएसआई को अतिरिक्त चार सप्ताह का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई को आदेश दिया था बिना खुदाई के सर्वे किया जाए। इससे पहले हाईकोर्ट ने भी ऐसा ही फैसला सुनाया था। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमने जिला कोर्ट से इस मामले में 15 दिन का समय मांगा है। मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि सर्वे की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाए और इसे सार्वजनिक ना किया जाए।
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