नई दिल्ली. निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) को सोमवार को नया मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त (Chief Election Commissioner) किया गया है। ज्ञानेश कुमार निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के नए कानून (new laws) के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक रहेगा। इसके कुछ दिन बाद ही निर्वाचन आयोग अगले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
हरियाणा कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी विवेक जोशी को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है। विवेक जोशी (58) का जन्म 21 मई 1966 को हुआ था और वह 2031 तक निर्वाचन आयोग में कामकाज संभालेंगे। कानून के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन आयुक्त या निर्वाचन आयुक्त 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं या फिर छह वर्ष के लिए आयोग में रह सकते हैं।
इससे पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत सुशील चंद्रा को निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। आयोग में शामिल होने से पहले चंद्रा ने सीबीडीटी से इस्तीफा दे दिया था। हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव जोशी जनवरी 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे।
ज्ञानेश कुमार 26वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव और 2026 में केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी संभालेंगे।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद निर्णय को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 15 मार्च, 2024 को निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। वे 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।
उन्होंने कानपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा करने के बाद आईसीएफएआई में बिजनेस फाइनेंस और अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एचआईआईडी में पर्यावरण अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। उन्होंने केरल सरकार में एर्णाकुलम के सहायक जिलाधिकारी, अडूर के उपजिलाधिकारी, एससी/एसटी के लिए केरल राज्य विकास निगम के प्रबंध निदेशक, कोचीन निगम के नगर आयुक्त के अलावा अन्य पदों पर भी काम किया है।
केरल सरकार के सचिव के रूप में ज्ञानेश कुमार ने वित्त संसाधन, फास्ट-ट्रैक परियोजनाओं और लोक निर्माण विभाग जैसे विविध विभागों को संभाला। भारत सरकार में उन्हें रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एवं अतिरिक्त सचिव, संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में काम करने का भी अनुभव है।
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