नई दिल्ली । ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू (Gyanesh Kumar and Sukhbir Singh Sandhu) चुनाव आयुक्त (Election Commissioners) नियुक्त किये गए (Appointed) । चुनाव आयोग की तरफ से इन दो नामों की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है । इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को मीडिया को इस फैसले के बारे में जानकारी दी और इस फैसले पर अपनी असहमति जताई। बैठक से बाहर निकलकर मीडिया से मुखातिब होते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के नाम पर चयन समिति ने मुहर लगा दी है।
चुनाव आयुक्त के चयन के लिए चयन समिति की बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “उनके (सरकार) पास (चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाली समिति में) बहुमत है। उन्होंने मुझे बुधवार की देर रात पहले 212 नाम दिए थे, लेकिन बैठक के दौरान नियुक्ति से 10 मिनट पहले सिर्फ छह नाम दिए गए। मुझे जानकारी है कि सीजेआई वहां नहीं हैं। सरकार ने ऐसा कानून बनाया है कि सीजेआई बाहर रहे और वहां अंदर बैठकर सरकार अपने बहुमत की वजह से अपने पंसदीदा नाम का चयन कर सके।”
बता दें कि दोनों नौकरशाहों को चुनाव आयुक्त बनाने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत पैनल ने लिया है। पीएम मोदी के अलावा इस पैनल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी भी थे। अधीर रंजन चौधरी ने चयन समिति में सीजेआई की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने वाले कानून को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस समिति में भारत के चीफ जस्टिस को भी शामिल होना चाहिए था। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस पैनल ने चुनाव आयुक्त का नाम तय किया गया है, उसमें सरकार बहुमत में है। ऐसे में वह जो चाहते हैं वही फैसला होता है।
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