देश मध्‍यप्रदेश

ग्वालियरः बीएसएफ की दो महिला कॉन्स्टेबल 26 दिन से लापता

भोपाल (Bhopal)। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) (Border Security Force (BSF) की दो महिला कॉन्स्टेबल (Two women constables.) 26 दिन से ग्वालियर की टेकनपुर छावनी (Tekanpur Cantonment of Gwalior) से लापता (Missing since 26 days.) हैं। आखिरी बार उन्हें 6 जून 2024 को देखा गया था। लापता महिला आरक्षक आकांक्षा निखर जबलपुर जबकि शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली हैं। बीएसएफ ने बिलौआ थाने में उनकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई है।


जानकारी के अनुसार, आकांक्षा और शहाना बीएसएफ के सहायक प्रशिक्षण केंद्र में 2021 से बतौर ट्रेनर पदस्थ हैं। शहाना के परिजन ने मुर्शिदाबाद थाने में भी गुमशुदगी दर्ज करा रखी है। वहीं, आकांक्षा की मां ने मंगलवार को पुलिस की जनसुनवाई में एसपी के सामने गुहार लगाई।

जबलपुर में जोगी मोहल्ला की रहने वाली उर्मिला निखर ने बताया कि आकांक्षा ने पिछले साल कहा था कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली शहाना खातून उसके ही बैच में है। दोनों में अच्छी दोस्ती है। मार्च 2024 में शहाना हमारे घर जबलपुर भी आई थी। यहां चार दिन तक रही। इसके बाद दोनों बंगाल घूमने जाने का कहकर निकल गई थीं। वहां दोनों शहाना के घर पर ठहरी थीं। इसके बाद से बेटी से संपर्क कम होने लगा। आकांक्षा उतने मन से बात नहीं करती थी, जितना पहले करती थी।

उर्मिला ने बताया कि पांच जून को बेटी आकांक्षा से बात हुई थी। वह अनमने ढंग से बात कर रही थी। 6 जून रात 8 बजे सहायक प्रशिक्षण केंद्र से कॉल आया कि सुबह से आकांक्षा और शहाना कहीं चले गए हैं। उनकी गुमशुदगी बिलौआ थाने में दर्ज कराई है।

पश्चिम बंगाल के बहरामपुर में मिली अखिरी लोकेशन
उर्मिला ने बताया कि बीएसएफ के अफसरों से पता चला कि 6 जून को ही दोनों की लोकेशन दिल्ली में मिली थी। इसके बाद 7 जून को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में मिली। इसी दिन रात 11:30 बजे मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में उनकी लोकेशन मिली। किसी ऑटो वाले के फोन से रात 12:03 बजे शहाना ने अपनी बड़ी बहन और मां से भी बात की। इसके बाद दोनों बीकन अस्पताल पहुंचीं। यहां के सीसीटीवी कैमरे में दोनों दिखी हैं। अस्पताल से दोनों कार में बैठकर कहीं चली गईं। इसके बाद उनके मोबाइल लगातार स्विच ऑफ हैं।

उर्मिला निखर का कहना है कि बेटी की तलाश में पश्चिम बंगाल भी गई थी। यहां शहाना के घर पहुंची। उसके परिजन ने कुछ नहीं बताया। बेटियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। मेरी बेटी की जान खतरे में है।

ग्वालियर सीएसपी (विश्वविद्यालय सर्किल) हिना खान ने बताया कि महिला आरक्षक की मां टेकनपुर से आई थी। उनका कहना था कि उनकी बेटी एक अन्य महिला आरक्षक के साथ कहीं चली गई है। 26 दिन हो गए हैं। बिलौआ थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई लेकिन पड़ताल नहीं हुई। जहां आखिरी लोकेशन मिली है, वहां तक पुलिस गई ही नहीं है। मामले में जांच के निर्देश दिए हैं।

Share:

Next Post

विधायक अपने क्षेत्र के विकास के लिए बनाएं 4 साल का रोडमैप, शासन प्रतिवर्ष देगा 15 करोड़ रुपये

Wed Jul 3 , 2024
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास कार्य (development work) के लिए चार साल का समय शेष है। सभी विधायक (All MLAs.) अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच पहुंचकर विकास कार्य व्यवस्थित तरीके से करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra […]