ग्वालियर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) के ड्रीम प्रोजेक्ट 210 करोड़ का नवनिर्मित श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम (Shrimant Madhavrao Scindia Cricket Stadium) के निर्माण में बड़ी इंजीनियरिंग खामी उजागर हुई है. जिस जगह पर स्टेडियम बनाया गया है वहां से बरसात का एक नाला निकलता है और इसे उचित ढंग से मोड़ने या अंडर ग्राउंड करने की बजाए उसको पार्किंग की बाउंड्री बनाकर रोक दिया गया. नतीजा यह हुआ कि बुधवार को जब तेज बारिश हुई तो नाला स्टेडियम में बहने लगा.
स्टेडियम की पार्किंग लबालब करने के बाद पानी ग्राउंड में घुस गया. गनीमत ये रही कि पिच पर नाले पानी पहुंचता उसके पहले ही स्टेडियम के दूसरी ओर बनी बाउंड्री ढह गई. जिससे पानी वहां से निकलने लगा. अगले महीने की 6 तारिक को इस स्टेडियम में भारत और बांग्लादेश के बीच मैच होना है और उससे पहले इस तरह की खामी सामने आना स्टेडियम बनाने के दौरान हुई बड़ी लापरवाही की ओर इशारा कर रहा है, जिसके बाद आला अधिकारियों ने इंजीनयरों को तलब किया है.
अगर पानी पिच तक पहुंच जाता तो 6 अक्टूबर को भारत-बांग्लादेश के बीच मैच होना लगभग असंभव हो जाता. सवाल उठता है कि आखिर करोड़ों के प्रोजेक्ट को पलीता कैसे लगा? इंजीनयरों से चूक हुई कहां? मूल रूप से इस नाले की निकासी वीआइपी पार्किंग से होते हुए जनरल पार्किंग को ओर थी, लेकिन इसे नजर अंदाज करते हुए उसे सिर्फ बाउंड्री बानकर मोड़ दिया गया जो की एक बड़ी इंजीनियरिंग चूक है.
अब जब-जब भी बारिश होगी पार्किंग का जलमग्न होना तय है. वीआइपी पार्किंग और खिलाड़ियों के आने जाने वाले गेट को बंद करना पड़ सकता है. सप्ताह पहले मूसलधार बारिश से पार्किंग (गेट सात-आठ के बीच) में जलभराव से पावर हाउस फूंक गया. बड़े-बड़े जनरेटर भी पावर हाउस के बाहर ही रखे हैं ऐसे में जनरेटर भी नहीं बैठ जाए तो उसे चालू नहीं किया गया है. 14 साल बाद ग्वालियर में कोई अंतरराष्ट्रीय मैच होने जा रहा था. बीसीसीआई ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से ग्वालियर में मैच का आयोजन कराना निश्चित किया था. लेकिन उससे पहले ही इस स्टेडियम की बाउंड्री गिर जाना. स्टेडियम निर्माण को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.
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