– जिले के बाढ़ प्रभावित गाँवों के लोगों की दु:ख-तकलीफ में सहभागी होने पहुंचे केन्द्रीय मंत्री
ग्वालियर। पिछले 50 साल में ऐसी बाढ़ आपदा (such a flood disaster) नहीं आई है। इस आपदा में आप सबने बड़े कष्ट उठाए हैं। आप बिल्कुल चिंता न करें, राज्य एवं केन्द्र सरकार (state and central government) आपकी मदद के लिए पूरी ताकत के साथ खड़ी है। हमारी पूरी हिम्मत और ताकत आप सबकी मदद के लिये न्यौछावर है। यह बात केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने कही।
सिंधिया रविवार को ग्वालियर जिले के भितरवार एवं डबरा जनपद पंचायत के बाढ़ प्रभावित गाँवों के लोगों की दु:ख-तकलीफ में सहभागी होने पहुँचे थे। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द मदद पहुँचाने के लिये हमने पाँच सूत्रीय तात्कालिक रणनीति बनाई है। साथ ही हर प्रकार के नुकसान की भरपाई के लिये भी विशेष रणनीति बनाई गई है। इस रणनीति पर अमल शुरू कर दिया गया है।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया रविवार की शाम ग्वालियर जिले के लगभग एक दर्जन बाढ़ प्रभावित गाँवों के लोगों के बीच पहुँचे। इन ग्रामों में केरूआ, देवगढ़, मोहनगढ़, खेड़ा, पलायछा, सिला, आदमपुर, सहारन, नगर पंचायत भितरवार और डबरा विकासखण्ड के विभिन्न ग्राम शामिल हैं। सिंधिया डबरा कस्बे के कम्युनिटी हॉल में बनाए गए बाढ़ राहत केन्द्र में रह रहे लोगों का दु:ख-दर्द बांटने भी पहुँचे। इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, पूर्व मंत्री इमरती देवी, भाजपा जिला अध्यक्ष कौशल शर्मा, पूर्व विधायक मदन कुशवाह, मोहन सिंह राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक अमित सांघी व जिला पंचायत सीईओ किशोर कान्याल समेत अन्य संबंधित अधिकारी उनके साथ थे।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि बाढ़ आपदा आने की सूचना मिलने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मेरे द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों को जल्द से जल्द शुरू कराने के प्रयास किए गए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की जिंदगी बचाने के लिये भारतीय वायुसेना के 7 हैलीकॉप्टर क्षेत्र में भेजे गए। साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बचाव दलों को भी रेस्क्यू ऑपरेशन में तैनात किया गया। इसके परिणाम सुखद रहे और लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकीं।
बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए तात्कालिक रणनीति के मुद्दे
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बाढ़ प्रभावित गाँवों के लोगों से धैर्य और साहस बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि सभी बाढ़ प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुँचाने की तात्कालिक रणनीति पर अमल शुरू किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा हर बाढ़ प्रभावित गाँव में बेघर हुए उन लोगों को सूचीबद्ध किया जा रहा है, जो बाढ़ के कारण बेघर हो गए हैं उनके आश्रय की तात्कालिक व्यवस्था भी की गई है। साथ ही सभी को दो वक्त के भोजन की व्यवस्था भी की गई है। जिला प्रशासन को हर बाढ़ प्रभावित गाँव में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इस परिपालन में स्वास्थ्य शिविर लगना शुरू हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह बिजली व्यवस्था फिर से बहाल करने के लिये युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखकर विद्युत लाईनों का परीक्षण करने के बाद जल्द ही बिजली की सप्लाई शुरू कराई जायेगी। हर बाढ़ प्रभावित गाँवों में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिये बाढ़ से खराब हुए हैंडपंपों को सूचीबद्ध कराकर उनकी मरम्मत कराई जा रही है। जल्द ही सभी पेयजल स्त्रोत दुरूस्त हो जायेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने बाढ़ से हुए हर प्रकार के नुकसान की भरपाई का भरोसा दिलाते हुए कहा कि जिन लोगों के घर बाढ़ के कारण नष्ट हुए हैं, उन सभी को राजस्व पुस्तक परिपत्र और मनरेगा के तहत राज्य सरकार एक लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता नया घर बनाने के लिये देगी। इसी तरह पशुओं की हानि पर प्रति पशु 30 हजार रुपये दिए जायेंगे। फसल नुकसान की भरपाई भी की जायेगी। इसके लिये जल्द से जल्द सर्वे कराने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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