ग्वालियर। प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister’s Housing Scheme) के तहत हुए घोटाले की शिकायत के बाद आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले सामाजिक कार्यकर्ता माखन धाकड़ (Social worker Makhan Dhakad) को महीनों की जद्दोजहद के बाद जानकारी मिल गई। इसके लिए वे 6 महीनों से इंदौर, भोपाल के चक्कर लगा रहे थे। यह जानकारी 9 हजार पेजों की थी, जिसके लिए माखन ने 25 हजार रुपए खर्च किए। यह रुपए भी कर्ज के रूप में लिए।
जानकारी के दस्तावेजों (documents) को गिनने के लिए अपने 4 दोस्तों को ले गए। वे इतने खुश हुए कि दस्तावेज लेने बैलगाड़ी से पहुंचे और सरकारी कार्यालय (government office) से बैंड बाजों के साथ बाहर आए। वे अदालत में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए घोटाले को चुनौती देंगे।
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