नई दिल्ली। गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पर्व हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मानी जाती है. धार्मिक मान्यता है कि वेदों के रचयिता वेद व्यास जी का जन्म इसी तिथि को हुआ था. इसी कारण इसी तिथि को वेद व्यास जयंती मनाई जाती है. इस दिन वेद व्यास (Veda Vyasa) की पूजा की जाती है. महर्षि वेद व्यास जी ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान कराया था. इसी लिए इन्हें प्रथम गुरु की उपाधि दी जाती है.
गुरु पूर्णिमा की डेट- इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व और उनकी पूजा 13 जुलाई, दिन बुधवार को की जाएगी.
गुरु पूर्णिमा 2022 पर बन रहा है चार राजयोग
पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा के दिन मंगल, बुध, गुरु और शनि शुभ स्थिति में हैं. इनकी इस शुभ स्थिति की वजह से गुरु पूर्णिमा पर रुचक, भद्र, हंस और शश नामक 4 राजयोग का निर्माण हो रहा है. साथ ही बुधादित्य योग भी बन रहा है. इन सभी स्थितियों के चलते इस बार गुरु पूर्णिमा अति विशिष्ट हो गई है. पंच तारा ग्रहों में शुक्र दैत्य गुरु हैं, जो कि अपने मित्र के घर में बैठे हैं, यह भी शुभ संयोग ही है कि पांच ग्रह मुदित अवस्था में उपस्थित हैं.
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु ही सभी को ज्ञान देता है. गुरु ही अज्ञान रूपी अंधकार को ज्ञान रूपी प्रकाश के द्वारा दूर करता है. साथ उनकी कृपा और आशीर्वाद से व्यक्ति इस भवसागर को पार करता है. ग्रन्थों में गुरु का स्थान ईश्वर से ऊपर बताया गया है. गुरु ही व्यक्ति को जीवन का सच्चा मार्ग दिखाता हैं.
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