नई दिल्ली। इस साल गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2024) आज मनाई जा रही है और आज गुरु नानक जी की 555वीं जयंती (555th Birth Anniversary) मनाई जा रही है. यह त्योहार हर साल कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) को ही मनाया जाता है. कहते हैं कि इस दिन सिखों के पहले गुरु गुरु नानक साहब का जन्म हुआ था. गुरु नानक देव की जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन सिख धर्म के लोग लोग गुरुद्वारे जाकर गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं. गुरुद्वारों में होने वाले भजन, कीर्तनों में शामिल होते हैं. आइए पढ़ते हैं गुरु नानक जी के खास उपदेश।
गुरु नानक जी के उपदेश
1. परम-पिता परमेश्वर एक है.
2. हमेशा एक ईश्वर की साधना में मन लगाओ.
3. दुनिया की हर जगह और हर प्राणी में ईश्वर मौजूद हैं.
4. ईश्वर की भक्ति में लीन लोगों को किसी का डर नहीं सताता.
5. ईमानदारी और मेहनत से पेट भरना चाहिए.
6. बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न ही किसी को सताएं.
7. हमेशा खुश रहना चाहिए, ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा याचना करें.
8. मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत मंद की सहायता करें.
9. सभी को समान नजरिए से देखें, स्त्री-पुरुष समान हैं.
10. भोजन शरीर को जीवित रखने के लिए आवश्यक है. परंतु लोभ-लालच के लिए संग्रह करने की आदत बुरी है.
प्रकाश पर्व क्यों कहा जाता है?
गुरु नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन समाज सुधारक के रूप में समर्पित कर दिया. उन्होंने जात-पात, ऊंच-नीच और भेद-भाव को मिटाने के लिए खास कदम उठाए थे. इंसानियत के नाम पर लोगों को एकता के सूत्र में बांधने के लिए उपदेश दिए थे. नानक साहब ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का काम किया था और इसी वजह से उनकी जयंती हर साल प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है।
गुरु नानक गुरु वाणी
इक ओंकार सतनाम करता पुरख
अकाल मूरत
अजूनी सभम
गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच
है भी सच नानक होसे भी सच
सोचे सोच न हो वे
जो सोची लाख वार छुपे
छुप न होवै
जे लाइ हर लख्ता
रउखिया पुख न उतरी
जे बनना पूरिया पार
सहास्यांपा लाख वह है
ता एक न चले नाल
के वे सच यारा होइ ऐ
के वे कूड़े टूटते पाल
हुकुम रजाई चलना नानक लिखिए नाल।
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