नई दिल्ली (New Dehli) । पाकिस्तान (Pakistan)सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (पीएसजीपीसी) के अमीर सिंह ने लोगों की सुविधा (people’s convenience)के लिए दोनों देशों (countries)के बीच ट्रेन और बस सेवा बहाल (resumed)करने की मांग की। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) अमृतसर के नेता खुशमिंदर सिंह ने आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए ईटीपीबी द्वारा किए गए प्रबंधों पर संतोष जताया।
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 554वीं जयंती के मौके पर उत्सव में भाग लेने के लिए करीब 3,000 भारतीय सिख वाघा बॉर्डर से शनिवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पहुंचे। लाहौर सीमा पर इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अतिरिक्त सचिव (धर्मस्थल) राणा शाहिद सलीम, सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (पीएसजीपीसी) के प्रधान सरदार अमीर सिंह और अन्य अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।
सलीम ने यहां पत्रकारों को बताया कि गुरु नानक जंयती के लिए तीन हजार भारतीय सिख यात्री एक उत्सव में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। हमने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, रहने व यात्रा की सुविधा मुहैया कराई है।
उन्होंने कहा, इस बात पर सहमति बनी है कि गुरु नानक जयंती के लिए करीब तीन हजार भारतीय सिखों को जगह दी जाएगी। हालांकि, ईटीपीबी और अधिक सिख श्रद्धालुओं के लिए जगह देने के लिए तैयार है। सलीम ने कहा, ‘अगर भारत अनुमति देता है तो हम इस मौके पर भारत से 3,000 से ज्यादा सिखों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।’
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (पीएसजीपीसी) के अमीर सिंह ने लोगों की सुविधा के लिए दोनों देशों के बीच ट्रेन और बस सेवा बहाल करने की मांग की। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) अमृतसर के नेता खुशमिंदर सिंह ने आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए ईटीपीबी द्वारा किए गए प्रबंधों पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि भारतीय सिख करतारपुर गलियारे के खुलने और पाकिस्तान में अपने पवित्र स्थलों की सुरक्षा से संतुष्ट हैं।’ उन्होंने यहां के लोगों के प्रति प्रेम के लिए उनकी प्रशंसा की।
तीर्थयात्रियों को विशेष बसों से गुरु नानक के जन्म स्थान ननकाना साहिब ले जाया गया, जहां रविवार से तीन दिवसीय उत्सव शुरू होगा। यहां अपने 10 दिवसीय प्रवास के दौरान श्रद्धालु गुरुद्वारा पंजा साहिब हसनअब्दल, गुरुद्वारा सच्चा सौदा, गुरुद्वारा डेरा साहिब लाहौर, गुरुद्वारा रोहरी साहिब एमनाबाद और गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर नरोवाल भी जाएंगे।
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