नई दिल्ली। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष कि पूर्णिमा तिथि को सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव की जयंती (Guru Nanak Jayanti) मनाई जाती है। इस साल 8 नवंबर को गुरु नानक देव की जयंती मनाई जा रही है। गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) को पाकिस्तान (Pakistan) में स्थित श्री ननकाना साहिब में हुआ था। गुरु नानक देव की जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है। गुरु पर्व पर सभी गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन होता है और प्रभात फेरियां भी निकाली जाती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन थे गुरुनानक देव और कैसे मनाई जाती है इनकी जयंती…
गुरुनानक जी की जन्म तिथि और स्थान
सिखों के पहले गुरु नानक जी (Guru Nanak Ji) का जन्म 1469 में पंजाव प्रांत के तलवंडी (Talwandi) में हुआ था। ये स्थान अब पाकिस्तान में है। इस स्थान को नानकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। सिख धर्म के लोगों के लिए ये बहुत ही पवित्र स्थल है। गुरु नानक जी की माता का नाम तृप्ता और पिता का नाम कल्याणचंद था।
नानक जी बचपन से ही अपना ज्यादातर समय चिंतन में बिताते थे। वे सांसारिक बातों का मोह नहीं रखते थे। नानक देव जी एक संत, गुरु और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव (life human) हित में समर्पित कर दिया था।
गुरु नानक जयंती का महत्व
गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व या फिर प्रकाश पर्व (festival of lights) के रुप में मनाया जाता है। ये सिख धर्म में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। गुरु नानक जयंती के दिन गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार सजता है। सुबह को वाहे गुरु जी का नाम जपते हुए प्रभात फेरी निकाली जाती है। साथ ही गुरुद्वारों में भक्तों के लिए लंगर का आयोजन किया जाता है।
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