नई दिल्ली। वैदिक ज्योतिष अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या अस्त होता है, तो इसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ता है। गुरु बृहस्पति अगले महीने 22 फरवरी को अस्त होने जा रहे हैं और 23 मार्च 2022 को उदय होंगे। गुरु अस्त होने का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनको लिए गुरु की यह स्थिति थोड़ी कष्टकारी रह सकती है।
नहीं होंगे मांगलिक कार्यक्रम: गुरु बृहस्पति फरवरी के महीने में अस्त होने जा रहे हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को संपन्नता, विवाह, वैभव, विवेक, धार्मिक कार्य आदि का कारक माना जाता है इसलिए इनका अस्त होना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए गुरु ग्रह जब अस्त होते हैं तब शुभ-मांगलिक कार्यों को करने की भी मनाही होती है, इस दौरान शादी, मुंडन, नामकरण जैसे संस्कार नहीं किये जाते। मतलब 22 फरवरी से 23 मार्च तक कोई धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे।
इन राशि वालों की बढ़ सकतीं हैं मुश्किलें: गुरु अस्त होने से कर्क, मीन और धनु राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। इस राशि वालों को कोई नया निवेश नहीं करना चाहिए। साथ ही अभी कोई नया व्यापार भी शुरू नहीं करना चाहिए। वरना नुकसान हो सकता है। इस अवधि में नुकसान, शत्रुओं से हानि का सामना करना पड़ सकता है। वहीं किसी विवाद भी हो सकता है। लिहाजा इस समय बेहद संभलकर चलें। किसी बुजुर्ग से आपकी कहासुनी हो सकती हैं। इसलिए शब्दों की मर्यादा बनाकर चलें, तो बेहतर होगा।
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह: वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है। गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने जाते हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है।
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