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    नए साल में इस दिन है गुरु गोबिंद सिंह जयंती, जानें इस पर्व की ये महत्‍वपूर्ण बातें

  • December 23, 2021

    नई दिल्‍ली। सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की जयंती को गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व (Prakash Parv) भी कहा जाता है। गुरु गोबिंद सिंह जयंती (Guru Gobind Singh Birthday) हर साल दिसंबर (December) या जनवरी माह में पड़ता है। हालांकि गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व कब होगा, यह सिखों के नानकशाही कैलेंडर(Nanakshahi Calendar) के आधार पर तय होता है। इस बार गुरु गोबिंद सिंह जयंती नए साल 2022 में 09 जनवरी दिन रविवार को है। इस दिन देश-दुनिया के सभी गुरुद्वारों में प्रकाश (Light) पर्व मनाया जाता है। इस दिन सिख समुदाय के लोग एक दूसरे का शुभकामनाएं और बधाइयां देते हैं, साथ ही गुरु गोबिंद सिंह जी के बताए धर्म के मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं। आइए जानते हैं गुरु गोबिंद सिंह जयंती से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

    गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2022 तिथि
    पंचांग के आधार पर देखा जाए तो गुरु गोबिंद सिंह (Guru govind singh) का जन्म पौष शुक्ल सप्तमी को पटना साहिब में हुआ था। इस वर्ष पौष शुक्ल सप्तमी तिथि का प्रारंभ 08 जनवरी दिन शनिवार को रात 10 बजकर 42 मिनट से हो रहा है और इसका समापन 09 जनवरी को दिन में 11 बजकर 08 मिनट पर होगा।


    गुरु गोबिंद सिंह जयंती की प्रमुख बातें:
    1. गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के 10वें और अंतिम गुरु थे। उनके बाद से गुरु ग्रंथ साहिब ही सिख समुदाय के मार्गदर्शक और पवित्र ग्रंथ हैं।

    2. गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर देश और दुनिया भर के गुरुद्वारों को रोशनी से रौशन किया जाता है। प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन होता है। सेवा कार्य किए जाते हैं।

    3. गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के अवसर पर नगर प्रभात फेरी का आयोजन होता है। सिख समुदाय के लोग इसमें हर्षोल्लास के साथ शामिल होते हैं।

    5. गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर अरदास किया जाता है और गुरुद्वारों में मत्था टेका जाता है। इस अवसर पर विशेष भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।

    6. अपने 10वें गुरु की जयंती पर सिख समुदाय के लोग गरीबों को उनके जरूरत की वस्तुएं दान करते हैं।

    7. प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरु नानक गुरु वाणी भी पढ़ी जाती है, ताकि लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले और उनका मार्गदर्शन हो सके।

    8. इस दिन चारों ओर इक ओंकार सतनाम करता पुरख… की गूंज होती है। लोग सुनी पुकार दातार प्रभु… भजन भी गाते हैं।

    नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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