नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू को 2019-20 एआईएफएफ मेन्स फुटबॉलर ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया है।
यह पहली बार है जब गुरप्रीत को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है, और इस प्रक्रिया में वे 2009 में सुब्रत पॉल के बाद दूसरे गोलकीपर बने हैं। गुरप्रीत को हीरो इंडियन सुपर लीग और हीरो आई-लीग क्लब के कोचों के वोटों के आधार पर विजेता के रूप में चुना गया है।
गुरप्रीत ने खिताब जीतने के बाद कहा, “हमेशा इस मुकाम तक पहुंचने की इच्छा थी और यह एक ऐसा पुरस्कार है जिसे मैंने हमेशा देखा है। छेत्री-भाई (सुनील छेत्री) ने इसे कई बार जीता है और मैंने हमेशा सोचा है कि कब मैं इसे जीतने लायक हो पाऊंगा।।”
उन्होंने कहा, “एआईएफएफ और हर किसी को बड़ा धन्यवाद, जिन्होंने मुझे आज इसे हासिल करने में मदद करने के लिए अथक प्रयास किये हैं। पिछले हीरो इंडियन सुपर लीग संस्करण में गोल्डन ग्लोव पुरस्कार जीतना टीम के बिना संभव नहीं हो सकता था।”
गुरप्रीत ने आगे कहा, “सभी हीरो इंडियन सुपर लीग और हीरो आई-लीग क्लब कोचों को एक बड़ा धन्यवाद, जिन्होंने सोचा कि मैं यह पुरस्कार पाने के योग्य हूं। मैंने अपेक्षाओं पर खरा उतरने की हमेशा पूरी कोशिश की है।”
गुरप्रीत को पिछले साल अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।
इसके अलावा, मिडफील्डर अनिरुद्ध थापा एआईएफएफ 2019-20 के पुरुष इमर्जिंग फुटबॉलर बने। उन्हें हीरो इंडियन सुपर लीग और हीरो आई-लीग क्लब के कोचों के वोटों के आधार पर विजेता चुना गया।
थापा ने कहा, “यह खबर मेरे और मेरे परिवार के लिए ताज़ी हवा की साँस है, खासकर जो भी हमने इस साल में अब तक देखा है। मैं एआईएफएफ, मेरे सभी साथियों और कोचिंग स्टाफ को धन्यवाद देना चाहूंगा कि मैं आज जो भी कर सका उसमें उन्होने मेरी मदद की। हमने क्लब के साथ-साथ राष्ट्रीय टीम के लिए पिछले साल कुछ शानदार प्रदर्शन किए हैं, लेकिन हमें खुद को उठाने के लिए और जोर लगाने की जरूरत है और हम निश्चित रूप से ऐसा कर सकते हैं। क्लबों के कोचों द्वारा मुझे वोट दिया जाना, इस सब को और अधिक विशेष बनाता है।”
सर्वश्रेष्ठ रेफरी का अवार्ड मणिपुर के. एल अजीत कुमार मीतेई को दिया गया, जबकि तमिलनाडु के के. पी वैरामुथु को सर्वश्रेष्ठ सहायक रेफरी के पुरस्कार का विजेता चुना गया।
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