नई दिल्ली (New Delhi) । खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) की हत्या की साजिश रचने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता (Nikhil Gupta) को सोमवार को अमेरिकी कोर्ट (American Court) में पेश किया गया. इस दौरान निखिल ने हत्या की साजिश रचने के आरोपों से खुद को बेकसूर बताया.
भारतीय नागरिक निखिल (52) को शुक्रवार को चेक रिपब्लिक से अमेरिका लाया गया था. उसे पिछले साल अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था.
निखिल गुप्ता के वकील जेफरी चैब्रोवे के मुताबिक, उनके मुवक्किल को सोमवार को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट के समक्ष पेश किया गया, जहां उसने खुद को निर्दोष बताया. ये मामला दोनों ही देशों के लिए काफी जटिल है. लेकिन महत्वपूर्ण भी है इसलिए हम किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचना चाहते हैं. कोर्ट के समक्ष निखिल गुप्ता ने कहा कि उस पर गलत तरीके से आरोप लगाए गए हैं.
इससे पहले चेक रिपब्लिक की कोर्ट ने अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने के निखिल गुप्ता के अनुरोध को ठुकरा दिया था.
28 जून तक हिरासत में रखने के आदेश
न्यूयॉर्क की कोर्ट ने निखिल गुप्ता को 28 जून को होने वाली सुनवाई तक उन्हें हिरासत में रखने का आदेश दिया है. इस बीच उनके वकील ने जमानत के लिए आवेदन नहीं किया. ‘
30 जून को हुआ था गिरफ्तार
अमेरिका के अनुरोध पर 30 जून को निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी पर उस समय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि एक भारतीय नागरिक फिलहाल चेक गणराज्य की हिरासत में है. उसके प्रत्यर्पण की याचिका फिलहाल लंबित है. हमें तीन बार कॉन्सुलर एक्सेस मिला था.
अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने निखिल गुप्ता पर पैसों के लिए हत्या करने और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. इस मामले में कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान है.
निखिल गुप्ता पर लगे हैं ये आरोप
पन्नू की हत्या की कथित साजिश में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता का नाम सामने आया था. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि एक अज्ञात भारतीय सरकारी कर्मचारी के निर्देश पर निखिल गुप्ता ने अमेरिका में पन्नू को मारने की साजिश रची थी. इसके बाद अमेरिका ने निखिल गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी. अमेरिका की अपील पर चेक गणराज्य ने निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी की थी और प्रत्यर्पण करने की तैयारी शुरू कर दी थी.
क्या है मामला?
पिछले साल फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे अमेरिका ने नाकाम कर दिया था. कहा गया कि इस मामले को अमेरिका ने भारत सरकार के समक्ष भी उठाया था.
रिपोर्ट में कहा गया था कि इस मामले से परिचित लोगों ने यह नहीं बताया कि क्या भारत के समक्ष इस मामले को उठाने की वजह से साजिशकर्ताओं ने अपनी योजना बदल दी या फिर एफबीआई के हस्तक्षेप से इस साजिश को नाकाम कर दिया गया था. मामले में एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने का आरोप लगा था. अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि निखिल गुप्ता न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी पन्नू को मारने के लिए एक हत्यारे को 100,000 अमेरिकी डॉलर देने पर सहमत हुए थे. इसमें से 15 हजार डॉलर की एडवांस पेमेंट 9 जून 2023 को कर दी गई थी. लेकिन, जिस शख्स को इस काम के लिए हायर किया गया था, वह अमेरिकी एजेंसी का ही खुफिया एजेंट था.
PM मोदी ने दी थी प्रतिक्रिया
पीएम मोदी ने पिछले साल ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा था कि विदेशों में छिपे कुछ चरमपंथी समूह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा था कि सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग दोनों देशों के बीच साझेदारी का प्रमुख पैमाना रहा है. मुझे नहीं लगता है कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के राजनयिक संबंधों से जोड़ना उचित है. हमें इस तथ्य को स्वीकार करने की जरूरत है कि हम बहुपक्षवाद के युग में जी रहे हैं. दुनिया एक दूसरे से जुड़ी होने के साथ-साथ एक दूसरे पर निर्भर भी है.
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