श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में गुपकार अलायंस (Gupkar Alliance) ने विधानसभा चुनाव (assembly elections) मिलकर लड़ने का फैसला किया है। इस फैसले से छोटे राजनीतिक दलों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं पहले की धुर विरोधी रहीं पीडीपी (PDP) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) इसलिए साथ आ रही हैं क्योंकि वे भाजपा (BJP) को सत्ता से दूर रखना चाहती हैं। अब भाजपा ने गुपकार अलायंस पर करारा हमला किया है। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि यह गठबंधन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ी बाधा है।
भाजपा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में युवाओं को शिक्षित करने के बजाय ये हिंसा के लिए भड़काते हैं। ये वंशवादी राजनेता अपने बयानों से लोगों को गुमराह करते हैं। बता दें कि पीएजीडी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने ऐलान किया था कि इस बार गठबंधन के सदस्य मिलकर चुनाव लड़ेंगे। माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा के लिए यह बड़ी चुनौती हो सकती है।
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट फाइल होने के बाद से ही चुनावी राजनीति गरमाने लगी है। वहीं अब जुबानी जंग भी लगातार तेज हो रही है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद ही नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी एक बैनर के नीचे आ गए थे। इस अलायंस में कुछ छोटी पार्टियां भी शामिल हैं।
बता दें कि इसी बीच गुपकार अलायं को एक झटका तब लगा है जब कि इसमें शामिल जम्मू एंज कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी ने गठबंधन से रिश्ता तोड़ लिया। पार्टी के अध्यक्ष डॉ. मुस्तफा खान ने कहा कि गठबंधन के पास कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है। इससे पहले डीडीसी चुनाव के बाद सज्जाद लोन की पार्टी पीपल्स कॉन्फ्रेंस गठबंधन से अलग हुई थी।
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