नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री (Union Minister of Commerce and Industry) पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) (Gulf Cooperation Council – GCC) ने संभावित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर चर्चा के लिए बातचीत की मेज पर ‘जल्द’ वापस आने की इच्छा व्यक्त की है।
गोयल ने गुरुवार को जी-20 व्यापार और निवेश मंत्रिस्तरीय बैठक (टीआईएमएम) से इतर प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पास जीसीसी देशों से बड़े निवेश आ रहे हैं। यूएई के साथ हमारा पहले से ही एक एफटीए है। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले जीसीसी देशों ने उनके साथ संभावित समझौतों पर चर्चा करने के लिए जल्द ही बातचीत की मेज पर वापस आने की इच्छा व्यक्त की है। वाणिज्य मंत्री जी-20 की व्यापार और निवेश पर मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए जयपुर आए हैं।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि कई जीसीसी सदस्य देशों ने द्विपक्षीय समझौते के अनुरोध के साथ व्यक्तिगत रूप से भी भारत से संपर्क किया है। पिछले साल दोनों क्षेत्र एफटीए को आगे बढ़ाने और वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमत हुए थे। जीसीसी खाड़ी क्षेत्र के छह देशों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का एक संघ है। यह परिषद भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक गुट है।
आर्थिक क्षेत्रों में जीसीसी आयात का शीर्ष स्रोत है। वित्त वर्ष 2022-23 में जीसीसी देशों से आयात 133 अरब डॉलर था, जो सालाना आधार पर 20.3 फीसदी से अधिक था, जबकि निर्यात 16.7 फीसदी से अधिक 51.3 अरब डॉलर था। जीसीसी सदस्य देशों को भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 58.26 फीसदी बढ़कर लगभग 44 अरब डॉलर हो गया, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 27.8 अरब डॉलर था।
उल्लेखनीय है कि दोनों पक्षों ने 2006 और 2008 में संभावित मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू की थी, लेकिन उसके बाद अज्ञात कारणों से बातचीत रुक गई। खाड़ी देशों में भारतीय आबादी बड़ी संख्या है। दुनियाभर में रहने वाले 3.2 करोड़ प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) में से लगभग आधे खाड़ी देशों में काम करते हैं।
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