नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने (By Supreme Court) सोमवार को गुजरात की रेप पीड़िता (Gujarat Rape Victim) 27 सप्ताह की गर्भवती (27 Weeks Pregnant) को मेडिकल गर्भपात (Medical Abortion) कराने की अनुमति दे दी (Allowed) । पीड़िता के साथ शादी का झूठा झांसा देकर बलात्कार किया गया था।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली पीड़िता द्वारा मांगी गई राहत को मंजूरी दे दी और उसे चिकित्सा प्रक्रिया के लिए इस दिन या मंगलवार को सुबह 9 बजे अस्पताल में उपस्थित होने के लिए कहा।
पीठ ने कहा कि यदि भ्रूण जीवित पाया जाता है, तो अस्पताल यह सुनिश्चित करने के लिए ऊष्मायन सहित सभी सुविधाएं प्रदान करेगा। इसके अलावा, इसने गुजरात सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाने को कहा कि बच्चे को कानून के अनुसार गोद लिया जाए। 19 अगस्त को बुलाई गई एक विशेष बैठक में, सुप्रीम कोर्ट ने पीडि़ता की याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए लंबे स्थगन पर चिंता व्यक्त की थी।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, “अजीब बात है कि उच्च न्यायालय ने मामले को 12 दिन बाद (मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद) 23 अगस्त को सूचीबद्ध किया, इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए कि देरी का हर दिन महत्वपूर्ण था और बहुत महत्व रखता था।”
17 अगस्त को गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा लिए गए फैसले को चुनौती देते हुए एक विशेष अनुमति याचिका दायर किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का ध्यान इस मामले पर आकर्षित हुआ। अपने विवादित आदेश में, उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की 26 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved