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पुलिस के डर से गुजरात, राजस्थान और देवास भागी एडवाइजरी कंपनियां

July 30, 2020


पुलिस की 3 एजेंसी लगातार कर रही हंै कार्रवाई, अभी 200 से अधिक कंपनियां हैं सक्रिय
इन्दौर। शहर में पिछले कुछ सालों में शेयर मार्केट में निवेश कर लाखों रुपए कमाने का झांसा देने वाली एडवाइजरी कंपनियों की बाढ़ सी आ गई थी। इनमें से कुछ ने सेबी से अनुमति ले रखी थी तो कुछ फर्जी रूप से चल रही थीं। बताते हैं कि इस तरह शहर में एक हजार के लगभग कंपनियां संचालित हो रही थी, लेकिन पिछले कुछ समय में पुलिस कार्रवाई के बाद ज्यादातर कंपनियां गुजरात, राजस्थान और देवास भाग गई हंै हालांकि अभी भी शहर में 200 से अधिक कंपनियां संचालित हो रही है और पुलिस की कार्यवाही भी जारी हैं।
एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत लगभग 6 माह पूर्व सबसे पहले साइबर सेल ने शुरू की थी हालांकि सेल में डेटाबेस के मामले में इन कंपनियों पर कार्रवाई की थी लेकिन इसके बाद शहर पुलिस ने भी एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सबसे ज्यादा कंपनियां विजयनगर क्षेत्र में संचालित हो रही थी। पुलिस ने कई स्थानों पर छापे मारे और कार्रवाई की। 15 से 20 कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज हुए और बड़ी संख्या में लोगों को आरोपी बनाया गया। हालांकि कई आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके। इसके बाद सेबी ने जहां फर्जी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसटीएफ को एजेंसी बनाकर सूची सौंपी उसके बाद तो एसटीएफ ने भी 15 से 20 कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की। बताते हैं कि एसटीएफ के पास अभी भी 50 से अधिक फर्जी कंपनियों की सूची है। इन पर कार्रवाई होना है। 33 एजेंसियों की कार्रवाई से घबराकर कई कंपनियां शहर छोड़ कर भाग गई है। एएसपी क्राइम राजेश दंडोतिया का कहना है कि 200 के लगभग कंपनियां अभी भी शहर में सक्रिय हैं। इन कंपनियों ने सेबी से तो अनुमति ले रखी है लेकिन यह कंपनियां लोगों से निवेश के नाम पर पैसा उनके खाते के स्थान पर खुद के खाते में ट्रांसफर करवा लेती है और बाद में रफूचक्कर हो जाती हैं। ऐसी कई शिकायतें मिलने के बाद एक बार फिर ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई। हालांकि कई कंपनियां नियम अनुसार भी चल रही हैं। जल्दी कुछ और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बिजनेस न्यूज सुनकर देते थे सलाह
बताते हैं कि जब पुलिस ने कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो कई चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आई। 12वीं पास कई युवा इस तरह की कंपनियां चला रहे थे। इन लोगों ने कुछ समय तक दूसरी कंपनियों में काम किया और फिर खुद की कंपनी खोली जहां यह लोग बिजनेस न्यूज़ सुन कर लोगों को सलाह देते थे और बाद में चूना लगाकर फरार हो जाते थे। ऐसी कंपनियां खोलने वालों में छात्रों के अलावा राजस्थान के लोग बड़ी मात्रा में शामिल पाए गए। इन पर कई मामलों में केस तो दर्ज है लेकिन यह पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं।

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