अहमदाबाद । फाइटर जेट मार्क-1 तेजस का सौदा एचएएल से दिसम्बर तक फाइनल होने की उम्मीद है लेकिन इस बात के संकेत हैं कि इस लड़ाकू विमान की पहली स्क्वाड्रन गुजरात के नलिया और राजस्थान के फलौदी एयरबेस में बनेगी। ये दोनों सीमाएं पाकिस्तान सीमा के करीब हैं।
गुजरात कच्छ का नलिया एयरबेस और राजस्थान का फलौदी एयरबेस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। जून में फलौदी एयरबेस में एक परीक्षण भी आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से फाइटर जेट मार्क-1 तेजस खरीदने की घोषणा की थी। पाकिस्तान की सीमा और नलिया एयरबेस के बीच हवाई दूरी केवल 40 से 50 किमी है। यही वजह है कि नलिया एयरबेस वायु, भूमि और समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
यहां तेजस को तैनात करने की तैयारी लंबे समय से चल रही थी। इसके लिए तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस से कई बार तेजस विमान यहां आकर उड़ान भर चुके हैं। सुरक्षा कारणों से पश्चिमी सीमा पर स्वदेशी विमान तैनात किए जाते हैं क्योंकि मिग सीरीज़ के विमान चरणबद्ध हैं। ज्यादातर मार्क-1 तेजस विमान मिग सीरीज के विमानों की जगह लेंगे।
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