– एआरटीओ ने कहा बस में क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठा रखी है, दुर्घटना के लिए कौन होगा जिम्मेदार
– परिवहन विभाग ने खंडवा रोड पर की नियम विरुद्ध चलने वाली बसों की जांच
इंदौर। परिवहन विभाग (transport Department) द्वारा नियम विरुद्ध चल रही बसों के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान पकड़ी गई एक बस (BUS) को छुड़वाने के लिए गुजरात के एक विधायक (MLA) का फोन आ गया। जब अधिकारियों ने बताया कि बस में क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठा रखी है, ऐसी स्थिति में दुर्घटना होने पर उसका जिम्मेदार कौन होगा। इस पर विधायक ने ड्राइवर (Driver) को ही फटकार लगाई और अधिकारियों को नियमानुसार कार्रवाई की बात कही।
पिछले दिनों खंडवा रोड पर बाइग्राम के पास घाट पर दो बसों की टक्कर हुई थी, जिसमें 1 यात्री की मौत हो गई थी और 40 से ज्यादा यात्री घायल हुए थे। घटना के बाद परिवहन विभाग (transport Department) द्वारा कल खंडवा रोड पर उमरीखेड़ा में बसों की जांच की। इस दौरान गुजरात से यात्रियों को लेकर निकली एक बस जो इंदौर से औंकारेश्वर जा रही थी को जांच के लिए रोका गया। जांच में सामने आया कि बस की क्षमता 32 सवारियों की थी, जबकि बस में 38 से ज्यादा सवारियां बैठी थी। इस पर बस पर चालानी कार्रवाई की जा रही थी, तभी बस के ड्राइवर ने कार्रवाई कर रहे एआरटीओ राजेश गुप्ता से कहा कि गुजरात के विधायक आपसे बात करना चाहते हैं। एआरटीओ गुप्ता ने विधायक से बात करते हुए पिछले दिनों हुई दुर्घटना की जानकारी देने के साथ ही बताया कि बस में क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठी हैं, ऐसे में दुर्घटना होने पर सवारियां की ही जान खतरे में होगी और इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा। यह सुनते ही विधायक ने गुप्ता से कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी, वे नियमानुसार कार्रवाई करे। इसके बाद ड्राइवर को फोन पर फटकार भी लगाई। इसके बाद बस पर 4 हजार का जुर्माना लगाया गया।
स्पीड गवर्नर निकाल कर चला रहे थे कॉलेज बस
जांच के दौरान मथुरादेवी इंस्टीट्यूट की बस को जांच के लिए रोका गया। जांच में सामने आया कि बस में स्पीड गर्वनर लगा था, लेकिन उसे निकाल दिया गया था, जिससे वह बस की गति को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था। बस का ड्राइवर भी अपना लाइसेंस टीम को नहीं दिखा पाया। इस पर तुरंत बस का फिटनेस निरस्त किया गया। आरटीओ प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में एआरटीओ ह्रदयेश यादव सहित अन्य अधिकारियों ने कुल 85 बसों की जांच की, जिनमें से 16 में नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर 32500 का जुर्माना वसूला गया। अधिकारियों ने बसों में यात्रियों से यह भी पूछा कि ड्राइवर गाड़ी को ज्यादा तेज तो नहीं चलाते हैं, हालांकि किसी यात्री ने इसकी शिकायत नहीं की।
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