गांधीनगर (Gandhinagar) । सोशल मीडिया (social media) पर भारत विरोधी कंटेंट साझा करने के आरोपी कांग्रेस नेता अफजल लखानी (Congress leader Afzal Lakhani) की जमानत याचिका गुजरात हाईकोर्ट (High Court) ने खारिज कर दी। साथ ही कह दिया कि देश में रहने वाले को देश के प्रति वफादार भी होना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि देश के प्रधानमंत्री और उनकी दिवंगत मां हीराबेन को लेकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस एनएस देसाई ने कहा, ‘जो लोग भारत में रह रहे हैं, उन्हें भारत के लिए वफादार भी होना चाहिए…। सामग्री की जांच पर पता चला है कि आवेदक ने कुछ ऐसी टिप्पणियां की हैं, जो एक विशेष समुदाय की भावनाओं को आहत कर सकती हैं और कुछ ऐसे पोस्ट हैं, जो अपमानजनक हैं। ऐसी ही कुछ अन्य सामग्री है, जिनका समाज पर बड़े स्तर पर असर हो सकता है।’
कोर्ट ने कहा कि कोई व्यक्ति किसी को पसंद या नापसंद कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह देश के पीएम और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल शुरू कर दे। कोर्ट ने कहा, ‘उन पोस्ट्स में भाषा इतनी आपमानजनक है कि इस आदेश में उन्हें शामिल करना संभव नहीं है। विचार करने पर कोर्ट ने पाया है कि भारतीय नागरिक मौजूदा आवेदक ने समाज की शांति और सद्भावना को अस्थिर कर दिया है।’
कोर्ट के अनुसार, ‘प्रथम दृष्ट्या यह पता चलता है कि ये पोस्ट्स एजेंडा से प्रेरित हैं…। अगर ऐसे व्यक्ति को जमानत दी जाती है, तो संभव है कि वह अलग नामों या फर्जी IDs के जरिए ऐसा अपराध दोबारा करेगा।’
क्या हैं आरोप
लखानी पर ऐसे 18 पेज तैयार करने के आरोप हैं, जहां वह ऐसा भारत विरोधी पोस्ट करता था, जिससे समाज में सांप्रदायिक अशांति हो सकती थी। ऐसी पोस्ट्स में न केवल प्रधानमंत्री को निशाना बनाया गया है, बल्कि एक खास समुदाय के खिलाफ भी टिप्पणियां की गई हैं। आरोप हैं कि वह पाकिस्तान और अन्य देशों में अंतरराष्ट्रीय कॉल भी करता था।
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