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    गुजरात: कांग्रेस ने अपनाई साइलेंट प्रचार की रणनीति, शहरों से ज्‍यादा ग्रामीण इलाकों में फोकस

  • November 21, 2022

    गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly election) प्रचार अपने चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former President Rahul Gandhi) भी प्रचार में उतर रहे हैं। लेकिन, भाजपा और आप के मुकाबले कांग्रेस (Congress) का प्रचार धीमा है। दूसरी पार्टियों की तरह बड़ी रैलियां नहीं है। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा, धीमा प्रचार पार्टी की चुनाव रणनीति का हिस्सा है।

    राहुल गांधी सोमवार को सूरत और राजकोट (Surat and Rajkot) में रैलियों को संबोधित करेंगे। यह पहला मौका है, जब कांग्रेस का कोई बड़ा नेता चुनावी सभा संबोधित करेगा। प्रदेश कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाड़िया कहते हैं, हमारा प्रचार चरम है। हम भाजपा और आप की तरह बड़ी-बड़ी रैलियों के बजाए छोटी छोटी सभाओं और घर-घर प्रचार कर रहे हैं।


    इसके साथ पार्टी का पूरा फोकस शहरी इलाकों में प्रचार के बजाए ग्रामीण क्षेत्रों पर है। हम सीधे मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 1995 के बाद अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भाजपा को 99 सीट पर रोक दिया था। पार्टी को 77 सीट हासिल हुई थी। लेकिन, पिछले पांच साल में कांग्रेस संगठन कमजोर हुआ है।

    पार्टी बोली, बदलाव चाहती है जनता
    आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के पूरे जोर-शोर के साथ प्रचार और दावों से भी कांग्रेस बहुत ज्यादा परेशान नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता परेश धनाणी मानते हैं कि आप का फोकस शहरी क्षेत्रों पर है। ग्रामीण क्षेत्रों (rural areas) में उसका असर नहीं है। प्रदेश के लोग भाजपा के कुशासन से थक चुके हैं। अब बदलाव चाहते हैं।

    ग्रामीण सीटें ज्यादा
    182 में से 84 सीट शहरी या अर्द्ध शहरी क्षेत्र हैं। वहीं, 98 सीट ग्रामीण की है।

    अहमद पटेल का नाम भरूच में अभी भी कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण
    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं संकटमोचक रहे अहमद पटेल के निधन के दो साल बाद भी गुजरात के मौजूदा विधानसभा चुनाव में उनका नाम अभी भी उनके गृह जिले भरूच में पार्टी के लिए ‘उम्मीद की किरण’ है। कांग्रेस के दिवंगत नेता पटेल के पैतृक गांव पिरामण में एक कबाड़ कारोबारी काशिफ मलिक ने कहा, ‘भरूच में आज आप जो भी विकास देख रहे हैं, वह उनके (अहमद पटेल) प्रयासों का परिणाम है। अहमद भाई इतनी बड़ी हस्ती थे कि उन्हें कोई कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने यहां सभी का ख्याल रखा।’

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पटेल का 25 नवंबर, 2020 को निधन हो गया था। पिरामण गांव अंकलेश्वर विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है जिस पर 22 साल से भाजपा का कब्जा है। इस विधानसभा चुनाव में इस सीट पर दो भाइयों के बीच मुकाबला है। भाजपा ने इस सीट से मौजूदा विधायक ईश्वरसिंह पटेल को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ ईश्वर सिंह के बड़े भाई विजय सिंह को टिकट दिया है।

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