इंदौर। पिछले कुछ वर्षों से इंदौर की गाइडलाइन (guideline of indore) में कोई इजाफा नहीं किया गया। दूसरी तरफ रियल इस्टेट कारोबार (estate business) में आई तेजी का फायदा भी पंजीयन विभाग को खूब मिला और कल तक 1515 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व हासिल कर लिया गया। आगामी वित्त वर्ष की गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया भी जारी है। आज जिला मूल्यांकन समिति की दोपहर ढाई बजे कलेक्टर कार्यालय में बैठक आयोजित की गई है, जिसमें प्रस्तावित गाइडलाइन पर चर्चा कर निर्णय लिए जाएंगे। लगभग 300 नई कॉलोनियों में गाइडलाइन घोषित होगी। वहीं 800 क्षेत्र ऐसे हैं, जहां गाइडलाइन में 10 से 25 फीसदी तक वृद्धि संभव है।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद एकाएक रियल इस्टेट (sudden real estate) का कारोबार तेजी से चमका। हुंडी-चिट्ठी और शेयरों का पैसा रियल इस्टेट में आ गया और धड़ाधड़ चारों तरफ कॉलोनियां घोषित हो गईं और डायरियों पर ही माल बिक गया। रजिस्ट्रियों की संख्या में लगातार हुए इजाफे के चलते कल तक 1515 करोड़ का राजस्व पंजीयन विभाग ने हासिल कर लिया था, जिसके चलते शासन ने भी अब बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपए का राजस्व 31 मार्च तक के लिए तय कर दिया है।
हालांकि अभी तो 21 दिन बाकी हैं, लिहाजा इससे अधिक राजस्व हासिल हो जाएगा। पंजीयक विभाग के डीआईजी बालकृष्ण मोरे (DIG Balkrishna More) के मुताबिक 2022-23 की गाइडलाइन की भी तैयारी शासन निर्देश पर चल रही है। आज दोपहर ढाई बजे कलेक्टर कार्यालय पर जिला मूल्यांकन समिति की बैठक आयोजित की गई है। कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh) की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सभी उपजिला पंजीयक, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर, प्राधिकरण के संपदा अधिकारी, नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक के अलावा निगमायुक्त सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि कोटे से विधायक आकाश विजयवर्गीय मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक शहर के आसपास पिछले दिनों जो नई कॉलोनियां शुरू हुईं, उनमें गाइडलाइन आसपास के क्षेत्रों के आधार पर घोषित की जाएगी। वहीं सुपर कॉरिडोर व बायपास सहित ऐसे क्षेत्र, जहां पर बीते दिनों में सर्वाधिक रजिस्ट्रियां हुई हैं और जमीनी कारोबार में तेजी भी देखी गई, लगभग ऐसे 800 क्षेत्रों में गाइडलाइन बढ़ाने के प्रस्ताव भी रखे गए हैं। दरअसल, बीते 5-6 सालों से गाइडलाइन में कोई इजाफा नहीं हुआ। दो साल तो कोरोना में निकल गए। उसके पहले कांग्रेस सरकार ने गाइडलाइन में 20 फीसदी और कमी कर दी थी। यही कारण है कि इस बार गाइडलाइन बढ़ सकती है। आज प्रस्तावों पर निर्णय के बाद आम जनता के दावे-आपत्तियां लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और यह भी पता चलेगा कि किन क्षेत्रों में कितनी गाइडलाइन वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
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