इस बार गुटखा, पान, तम्बाकू खाकर थूकने वालों की जानकारी भी होगी सर्वे में शामिल छठी बार इंदौर नंबर वन बनेगा या नहीं इसका खुलासा अगले महीने होगा
इंदौर। इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण (cleanliness survey) के परिणाम अगले महीने आना है, जिसमें पता लगेगा कि इंदौर ( Indore) छठवीं बार नम्बर वन (number one) बना अथवा नहीं। वहीं केन्द्र सरकार (central government) के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय (ministry of housing and urban development) ने अगले साल 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण की गाइडलाइन (guide line) जारी कर दी, जिसमें महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब साढ़े 7 हजार की बजाय साढ़े 9 हजार अंक रहेंगे।े वहीं चार चरणों में सर्वे होगा। पहली बार पान, तम्बाकू, गुटखा खाकर थूकने वालों की पहचान भी की जाएगी और उन पर स्पॉट फाइन लगाएंगे। बैक लेन के लिए भी इस बार अंक बढ़ा दिए हैं।
लगातार पांच मर्तबा इंदौर स्वच्छता में पूरे देश में नम्बर वन रहा है और अब छठवीं बार भी उसी का दावा पुख्ता है। अभी जनवरी-फरवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 सम्पन्न हुआ था, उसके परिणाम अगले माह अगस्त में केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए जाएंगे। लेकिन अगले साल के होने वाले सर्वेक्षण की गाइडलाइन और टूक किट अवश्य अभी जारी कर दी गई है। अभी तक साढ़े 7 हजार अंकों क आधार पर मूल्यांकन किया जाता था, मगर अब दो हजार अंक बढ़ा दिए हैं और कई नए मापदण्ड भी तय किए गए, जिसमें थूकने वालों की पहचान भी की जाएगी और उन पर भी जुर्माना होगा। दरअसल, गुटखा, पान, तम्बाकू खाकर थूकने की समस्या इंदौर सहित पूरे देश में है। सार्वजनिक स्थलों से लेकर शौचालयों, स्टेशन, ट्रैन के डिब्बों सहित हर जगह पान और तम्बाकू की पीक नजर आती है। चार चरणों में अगला सर्वे होगा और उसमें सिटीजन फिडबैक अंतिम चरण की बजाय इस बार सबसे पहले लिया जाएगा। साफ-सफाई, जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया, सिवरेज के ढक्कन, कचरा निष्पादन आदि प्रक्रिया के 48 फीसदी अंक तय किए गए हैं, वहीं 4525 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के तहत रहेंगे। उसमें से भी 1750 अंक कचरा उठाने की सेवाओं को लेकर दिए जाएंगे। कचरा प्रबंधन के लिए इस बार 1830 अंक तय किए गए हैं, जबकि गत वर्ष 1200 अंक ही थे। इसी तरह वाटर सप्लाय, मैनेजमेंट, सफाईकर्मियों को लेकर 945 अंक तय किए गए हैं। सर्विस आधारित प्रोग्राम में अब 300 की बजाय कुल 4525 अंक रहेंगे, तो सर्टिफिकेशन के आधार पर 2250 की बजाय अब ढाई हजार अंक होंगे और सिटीजन फीडबैक के लिए भी अंक बढ़ा दिए हैं, जो कि 2250 की जगह 2475 तय किए गए। मैदानी स्तर पर भी होने वाले कई नवाचारों को इसमें शामिल किया गया है। बैकलेन के लिए भी एक फीसदी से बढ़ाकर तीन फीसदी अंक कर दिए हैं। इंदौर नगर निगम ने ही बैकलेन सफाई का नया प्रयोग किया था, जिसे केन्द्र ने सराहा और अब आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण में इसके लिए अलग से अंक भी बढ़ा दिए। इसी तरह सर्वेक्षण की प्रक्रिया चार चरणों में होगी। अप्रैल, मई के बाद जून, जुलाई, फिर अगस्त, सितम्बर और अंतिम जमीनी सर्वे अक्टूबर से दिसम्बर के बीच सम्पन्न किया जाएगा।
11 देशों के 32 विद्यार्थियों ने भी जाना स्वच्छता का सच
अभी 6 देशों के प्रतिनिधि इंदौर रहे, तो उसके बाद 11 देशों के 32 विद्यार्थियों ने भी इंदौरी स्वच्छता का मैदानी सच जाना। बेल्जियम, ब्राजील, इजिप्ट, एजराबाईजान, जर्मनी, मैक्सिको साउथ अफ्रीका, ट्रेनीडेड एंड टेबओगो, यूएसए, यूनाइटेड किंगडम सहित कुल 11 देशों के 32 विद्यार्थियों ने सिटी बस ऑफिस परिसर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण कार्य, टेऊचिंग ग्राउण्ड उद्यान स्थित 400 टीपीडी मेकेनाईज्ड एमआरएफ प्लांट, 550 टीपीडी बायो सीएनजी प्लांट, 100 टीपीडी सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, वेस्ट बायोमेडिटेशन साईट, सी एंड डी प्लांट, सीटी बस आफिस स्थित आईसीसीसी कन्ट्रोल कमांड सेंटर का अवलोकन किया गया। इन विद्यार्थियों को थैला बैंक, बर्तन बैंक, डिस्पोजल फ्री क्षेत्र, जीरो वेस्ट इवेंट, जीरो वेस्ट शादी, नाला सफाई अभियान, नाला क्रिकेट, नाला मेडिकल चेकअप, नाला फुटबॉल, नाला दंगल व अन्य गतिविधियेां के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
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