भोपाल। भोपाल (Bhopal) में मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. गांधी जयंती के प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंचे और नियमितिकरण की मांग को लेकर 22 दिनों के अंदर फिर से आंदोलन की राह पर हैं. हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षक सीएम हाउस का घेराव करने निकले थे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका तो जमकर धक्कामुक्की भी हुई. प्रदर्शन के दौरान कुछ शिक्षक बेहोश भी हो गए. अतिथि शिक्षक नियमितीकरण समेत अपनी कई मांगों को पूरा करने के लिए अड़े हैं. अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है.
अतिथि शिक्षक स्कूल शिक्षा मंत्री रावउदय प्रताप के बयान से भी नाराज हैं. दरअसल, स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा था कि मेहमान बनकर आए हो तो क्या घर पर कब्जा करोगे. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हुई धक्कामुक्की के बीच, अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान पर तंज कसते हुए ‘कब्जा करने आए हैं’ कब्जा करके जाएंगे. अतिथि शिक्षकों ने कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहेंगे. पुलिस ने अंबेडकर मैदान से कुछ दूरी पर बैरिकैडिंग कर रखी है. जब प्रदर्शनकारी आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे तब पुलिस ने बैनर लगाकर प्रदर्शनकारियों के आंदोलन को गैरकानूनी बताकर गोली चलाने की चेतावनी भी दी. लेकिन हालात बिगड़ते देख पुलिस ने बैनर को बदल दिया.
भोपाल में हो रहे अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को कांग्रेस ने समर्थन दिया है. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन में पहुंचे और सरकार से मांगें पूरी करने की अपील की. वहीं प्रदर्शन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कमलनाथ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि अतिथि शिक्षकों की मांगों को स्वीकार किया जाए. यह मांगें और कुछ नहीं पिछली बीजेपी सरकार के वादे हैं. चुनाव से पहले बीजेपी ने जो वादे किए थे उन्हें पूरा करें.
अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष केसी पवार ने कहा कि पिछली बार सरकार ने हमें गुमराह कर दिया था, हम उनकी बातों में आ गए थे. इस बार हम अपना स्थायीकरण लेकर जाएंगे. अगर सरकार अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम आमरण अनशन पर बैठेंगे. मैं पीछे नहीं हटने वाला हूं. मैं यहीं आमरण अनशन पर बैठूंगा, मैं अतिथि शिक्षकों के लिए जान देने के लिए तैयार हूं.लमुख्यमंत्री जी जल्द ही हमारी मांगों पर निर्णय लें. हम यहां से वापस जाने वाले नहीं हैं. बता दें कि 22 दिन पहले भी अतिथि शिक्षकों ने भोपाल में प्रदर्शन किया था. हालांकि उस दौरान सरकार से बातचीत में कुछ मांगों पर सहमति बन गई थी. लेकिन नियमितीकरण की मांग पर अतिथि शिक्षक अड़े हुए हैं.
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