भोपाल। प्रदेश में जितने भी अतिथि विद्वान हैं उनको लेकर भाजपा सरकार बहुत गंभीर है, सरकार का प्रयास है कि वह जल्द सहायक प्राद्यापकों की स्थायी भर्ती के लिए पीएसी कराए । इसमें अधिक से अधिक पूर्व की तरह अतिथि विद्वानों को अवसर मिले, इसके लिए मापदंड तय किया जाएगा। साथ ही प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा विभाग में अन्य राज्यों की पॉलिसी का भी अध्ययन कर रही है। जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर अतिथि विद्वानों को स्थायी तौर पर नौकरी में रखा है। सरकार सभी अतिथि विद्वानों के हित में निर्णय ले रही है । उक्त बातें प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को राजधानी भोपाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।
उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने बताया कि प्रदेश में हमारी सरकार ने यह अतिथि विद्वान को नियमित तौर पर शिक्षण कार्य मिले इसकी सही व्यवस्था खड़ी की है। इसी प्रकार से निजि कॉलेजों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने यहां से किसी भी शिक्षक को नौकरी से न हटाएं । श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की दो श्रेणी हैं, जिसमें कुल विद्वान संख्या 4276 है । सरकार को इस कोरोना काल में सभी की चिंता है। हमने इनमें 3500 से अधिक को कार्य में लगाया है, शेष को भी निरंतर लगाया जा रहा है।
इस दौरान उन्होंने बताया कि मप्र ने कोरोना काल के मद्देनजर जिस ऑपन बुक प्रणाली को अपनाया, उसकी सफलता आज इतनी है कि देश के 13 राज्यों ने हमारे राज्य का अनुसरण किया है। स्नातक प्रथम, द्वितीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को गत वर्ष के परीक्षा परिणाम तथा वर्तमान सत्र के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर आगामी कक्षा में प्रवेश दिया गया । इसी प्रकार स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं के लिए कोरोना के संक्रमण से बचाव एवं शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए उनकी परीक्षाएं ओपन बुक प्रणाली से करवाई गईं । उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने पर उनकी फायनल डिग्री पर हमेशा सवाल उठते इसलिये ओपन बुक प्रणाली से परीक्षा लेने का निर्णय लिया गया, जोकि आज सफल साबित हुआ है ।
इस बीच पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने नई शिक्षा नीति का जिक्र किया और कहा कि हमारी शिक्षा शोध परक हो इसके लिए प्रदेश सरकार पहल करने जा रही है, जल्द ही उच्च शिक्षा में व्यापक बदलाव आप सभी को देखने को मिलेंगे। इसके तहत प्रथम वर्ष की यदि कोई अपनी शिक्षा पूरी कर छोड़ता है तो सर्टिफिकेट, दूसरा वर्ष पूरा करने पर डिप्लोमा, तीसरा और चौथा वर्ष पूरा करने के बाद डिग्री उसे प्रदान की जाएगी यानी कि जो स्नातक 3 साल में होता है, उसको 4 साल का कर दिया जाएगा, जिसमें कि आगे का 1 साल किसी विषय विशेष पर शोध करने के लिए रहेगा । जिससे कि हर छात्र व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें । उन्होंने बताया कि जल्द ही इस नई शिक्षा नीति पर मप्र सरकार निर्णय करने जा रही है । एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वापजेयी हिंदी यूनिवर्सिटी में नई भर्तियां होनी है, लेकिन रोस्टर के कारण यह मामला रुका हुआ है। उन्होंने कहा कि इस विषय में न्यायालय का निर्णय आना शेष है, जैसे ही इस मामले में कोई निर्णय आता है, हम रोस्टर प्रणाली का पालन करते हुए वहां पर नियुक्तियां कर देंगे।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि शासकीय स्वशासी महाविद्यालय तथा उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में स्नातक स्नातकोत्तर स्तर पर संचालित पाठ्यक्रमों की सीट संख्या में शासन 15 प्रतिशत की वृद्धि करने जा रहा है। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर प्राचार्य उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा कर संचालित पाठ्यक्रम की सीट संख्या में स्वयं के स्तर से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि विशेष परिस्थितियों में आवश्यकता होने पर आयुक्त उच्च शिक्षा संचनालय की अनुमति लेकर पाठ्यक्रमों की सीट संख्या में और अधिक वृद्धि भी की जा सकेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने बताया कि समस्त शासकीय स्वशासी महाविद्यालय तथा उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान की स्थिति के लिए सीट बढ़ाने के लिए 7 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक पोर्टल खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि 2020-21 के लिए स्वीकृत पाठ्यक्रमों को निरंतर रखने के लिए 7 अक्टूबर तथा 8 अक्टूबर को ई प्रवेश पोर्टल खोला जाएगा। यादव ने कहा कि समस्त विश्वविद्यालय अपने अधिकार क्षेत्र के महाविद्यालयों की प्रोफाइल का सत्यापन 9 अक्टूबर तक पूर्ण करना तय करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीएलसीसी तृतिय चरण के लिए भी 9 अक्टूबर से पोर्टल पुनः आरंभ किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि समस्त पंजीकृत आवेदकों को प्रवेश के लिए पुनः महाविद्यालय का विकल्प चुनने का अवसर दिया जाएगा। नवीन आवेदकों के पंजीयन विकल्प चुनने का सत्यापन का अवसर प्रदान किया जाएगा। समस्त आवेदकों को प्रोफाइल एडिट का सत्यापन का अवसर प्रदान किया जाएगा। 12वीं की परीक्षा पूरक का रुक जाना नहीं से आवेदकों के लिए भी पोर्टल खोला जाएगा । (एजेंसी/हिस)
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